Hari bhoomi hindi news chhattisgarh
toggle-bar

6 महीने पूरे होने पर सीएम कमलनाथ ने लिखा ब्लॉग, सरकार की उपलब्धियां गिनाने के साथ ही बीजेपी पर कसा तंज

मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ ने सरकार के 6 महीने पूरे होने पर ब्लॉग लिखा है। उन्होंने जहां एक तरफ पिछली भाजपा सरकार पर तंज कसा तो वहीं दूसरी ओर उत्साह और उम्मीदों का भी जिक्र किया।

6 महीने पूरे होने पर सीएम कमलनाथ ने लिखा ब्लॉग, सरकार की उपलब्धियां गिनाने के साथ ही बीजेपी पर कसा तंज
X
CM Kamal Nath blog

भोपाल। मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ ने सरकार के 6 महीने पूरे होने पर ब्लॉग लिखा है। उन्होंने जहां एक तरफ पिछली भाजपा सरकार पर तंज कसा तो वहीं दूसरी ओर उत्साह और उम्मीदों का भी जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे विरासत में झुलसा और मुरझाया हुआ एक तंत्र मिला था। ब्लॉग में कमलनाथ ने तंज भरे लहजे में कहा, "दूर तलक तपन थी कोई साया न था, धूप का ऐसा मौसम तो कभी आया न था।

प्रदेश वासियों , एक लंबी तपन के बाद मॉनसून आपके द्वार खड़ा है.मिट्टी की सौंधी-सौंधी खुश्बू के साथ नए उत्साह और उम्मीदों की दस्तक दे रहा है. मगर आहिस्ते आहिस्ते बीती लंबी तपन की पीड़ाएं भी कह रहा है-

'दूर तलक तपन थी

कोई साया न था,

धूप का ऐसा मौसम तो

कभी आया न था'

तपन थी भी बहुत लंबी, 15 वर्षों की.

इस धूप ने प्रदेश का सब कुछ झुलसा दिया था.अर्थ तंत्र, सुशासन, नारी सम्मान, किसानों का जीवन, युवाओं का रोज़गार ,दलितों, आदिवासी भाइयों का आत्मसम्मान,सब कुछ. आर्थिक बदहाली का आलम यह था कि 8 हज़ार करोड़ का रेवेन्यू डेफिसिट था. कर्मचारियों की तनख़्वाह के लाले पड़ रहे थे. कई बार आर. बी. आई. से उधार लेकर काम चलाया गया था.

कर्ज़-कुपोषण की मार-म प्र पर 1 लाख़ 87 हज़ार करोड़ का कर्ज़ हो गया था, निवेश औंधे मुँह गिर गया था. सुशासन और न्याय का तो नामोनिशान नहीं था. 46 हज़ार बेटियाँ अपनी लाज नहीं बचा सकी थीं. 48 लाख़ बच्चे कुपोषण का शिकार हो गए थे. किसानों को फसल के दाम मांगने पर गोलियां मारी जा रही थीं. बच्चों के भविष्य को व्यापम के माध्यम से बेचा जा रहा था.

अर्थात विरासत में जो कुछ मिला था, वह था 'झुलसा और मुरझाया हुआ एक तंत्र'. मगर कहते हैं न ,'भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं है'.

अर्थात रोहिणी जितनी तपती है, बारिश उतनी ही अच्छी होती है.अंततः मौसम ने अंगड़ाई ली, मॉनसून आ पहुंचा है,

दिन फिरे-सबसे पहले किसानों के द्वार कर्ज माफ़ी बनकर, फ़िर गरीबों के घर सस्ती बिजली की सौगात बनकर. अब अपराध में भी कमी आ रही है , बेटियाँ अपनी शादी में अब 51 हज़ार की मदद भी पा रही हैं. प्रदेश के नागरिकों की प्यास अब अधिकार बन रही है.(Right to Water ), शहरी विकास की संभावनाएं तरक्की की नई इबारत लिख रही है(Metropolitan Planning Authority),नया निवेश आ रहा है, औद्योगिक विकास खुशियों के गीत गा रहा है,और उसमें प्रदेश के युवा का 70 % स्थान सुनिश्चित किया जा रहा है.गरीबों के घर बेहद सस्ती बिजली से रोशन हो रहे हैं.

कहते हैं कि बिजली की खपत समृद्धि का द्योतक है. बीते छः माह में बिजली की खपत में 16 से 48% तक वृद्धि हुई है. पिछड़ों को 27% आरक्षण का लाभ देकर आगे लाया जा रहा है. दलितों और आदिवासी भाइयों की खुशहाली का गौरव गान गाया जा रहा है.

और अंततः ,

बीते 6 माह की अपनी सरकार में प्रदेश की उम्मीदें परवान चढ़ रही हैं और बेटियाँ हिमालय. युवा आशान्वित हैं और किसान आश्वस्त. पिछड़े, दलित और आदिवासी भाइयों की चुनौतियां अवसरों में तब्दील की जा रही हैं.गौ माताएं गौ शालाओं में घर पा रही हैं.अब माँ नर्मदा भी मैय्या क्षिप्रा के घर जा रही हैं.वर्षा झूम कर आ रही है और प्रदेश की तरक्की मुस्कुरा रही है.

झड़ गए है सारे पुराने पत्ते शाख से ,

उम्मीदों की नईं कोपलें फूट रही हैं पूरे आत्मविश्वास से.

आओ धूप की झुलसती तपन का दामन छोड़ दें,

और मॉनसून की रिमझिम वर्षा का रुख़

प्रदेश के विकास को

असीम संभावनाओं की ओर मोड़ दें.

और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App

और पढ़ें
Next Story