Hari bhoomi hindi news chhattisgarh

कमलनाथ सरकार का फैसला अब 5 जून से नई तबादला नीति के तहत होंगे तबादले, पति-पत्नी एक ही जगह होंगे पदस्थ

कमलनाथ सरकार ने मंगलवार देर रात नई तबादला नीति 2019-20 को मंजूरी दे दी है। जिसके तहत अब 5 जून से 5 जुलाई तक नई तबादला नीति के तहत जिले के अधिकार व कर्मचारियों के तबादले विभागीय प्रभारी मंत्री के अनुमोदन पर तबादले होंगे। वहीं सरकारी नौकरी में अलग अलग जगहों पर पदस्थ पति पत्नी को एक ही जगह पदस्थ किया जाएगा।

कमलनाथ सरकार का फैसला अब 5 जून से नई तबादला नीति के तहत होंगे तबादले, पति-पत्नी एक ही जगह होंगे पदस्थ
X

भोपाल। कमलनाथ सरकार ने मंगलवार देर रात नई तबादला नीति 2019-20 को मंजूरी दे दी है। जिसके तहत अब 5 जून से 5 जुलाई तक नई तबादला नीति के तहत जिले के अधिकार व कर्मचारियों के तबादले विभागीय प्रभारी मंत्री के अनुमोदन पर तबादले होंगे। वहीं सरकारी नौकरी में अलग अलग जगहों पर पदस्थ पति पत्नी को एक ही जगह पदस्थ किया जाएगा। इसके अलावा अगर प्रशासनिक दृष्टि विभाग को अधिकारी व कर्मचारियों की जरूरत होती है तो इसके लिए ​मुख्यमंत्री ने अनुमोदन लिया जाएगा।

मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य और जिला स्तर पर अधिकारी कर्मचारियों के तबादलों से मंगलवार रात प्रतिबंध हटा दिया है। नई नीति में तहसील, जिला और राज्य स्तर पर तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के तबादले प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से होंगे। बाद में कलेक्टर अथवा जिले के विभागीय अधिकारी आदेश जारी करेंगे। राज्य स्तर पर डिप्टी कलेक्टर समेत प्रथम व द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के स्थानांतरण विभागीय मंत्री के अनुमोदन से जारी होंगे। जिलों के अंदर यह काम प्रभारी मंत्री व कलेक्टर करेंगे।

इसके अलावा प्रशासनिक दृष्टि किसी विभाग को अधिकारी व कर्मचारियों की जरूरत होती है तो इसके लिए मुख्यमंत्री समन्वय समिति बनाई गई है। समिति मुख्यमंत्री के पास कॉडिनेशन के लिए फाइल भेजेगी फिर सीएम की अनुमति के बाद तबादला होगा। इसके अलावा अगर पति पत्नी अलग अलग जिले में पदस्थ है तो उन्हें एक ही जगह पदस्थ किया जाएगा।

इस नई तबादला नीति में यह भी साफ कर दिया गया हैं कि किसी भी विभाग में 200 पद है वहां 20% तबादले, 201 से 2000 तक पद में 10% और 2001 से अधिक पद में 5% तक तबादले होंगे।

नई नीति में साफ कर दिया गया है कि किसी भी कैडर में 200 की संख्या तक 20% तबादले होंगे। इसके बाद 201 से 2000 तक के कैडर में 10% और 2001 से अधिक के कैडर में 5% तक तबादले होंगे। फाॅरेस्ट और पुलिस महकमे में तबादलों के समय इन चीजों का ध्यान रखा जाएगा कि लाॅ एंड ऑर्डर में तुरंत दिक्कत न हो। पूर्व की भांति राज्य की तबादला नीति से अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी बाहर रहेंगे। पिछली तबादला नीति में शिक्षा, पुलिस व अन्य महकमे अलग से नीति बना लेते थे, लेकिन अब नहीं होगा।

नई नीति में यह भी अहम

- तबादलों से सबसे पहले अनुसूचित क्षेत्रों के रिक्त पद भरे जाएंगे। इन क्षेत्रों में जिनको तीन साल हो गए हैं, उन्हें हटाया जा सकेगा। तबादले वरिष्ठता के आधार पर होंगे।

- किसी को दोहरा प्रभार नहीं दिया जाएगा।

- तबादले के बाद रिक्त होने वाले पद की पूर्ति उसी के समकक्ष अधिकारी से की जाएगी।

- तबादला आदेश जारी होने के बाद दो सप्ताह के भीतर संबंधित कर्मचारी को कार्यमुक्त होना होगा। इसके बाद एकतरफा रिलीव कर दिया जाएगा।

- एक ही विभागीय मुख्यालय में एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय किया गया तबादला ट्रांसफर की श्रेणी में नहीं आएगा।

- जो अधिकारी पूर्व में उस पद पर रह चुके हैं, उन्हें दोबारा वहां नहीं भेजा जाए।

- स्वीकृत पदों के अलावा पदस्थापना न की जाए।

- जहां ज्यादा स्टाॅफ वहां युक्तियुक्त करण की नीति अपनाई जाए।

- गंभीर बीमारियों का ट्रांसफर के समय ध्यान रखा जाए। व्यक्ति 40 फीसदी नि:शक्त हो तो उसकी मर्जी का ध्यान रखा जाए।

- जिनके रिटायरमेंट में एक साल या उससे कम समय बचा है, उसके तबादले नहीं होंगे। यदि फिर तबादला करना पड़े तो उनके द्वारा दिए गए विकल्प पर भी तबादला किया जाए।

- स्वयं के व्यय पर, आपसी सामंजस्य के तहत और स्वेच्छा से तबादलों को प्राथमिकता दी जाए।


और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App

और पढ़ें
Next Story