मध्यप्रदेश : यात्री ट्रेन नहीं मिली तो नॉस्टॉप मालगाड़ी रुकवाकर शुजालपुर से भोपला पहुंचे नेत्र
यात्री ट्रेन नहीं मिलने पर रेलवे अधिकारी की मानवीय पहल के बाद गुरुवार को नेत्रहीनों को समय पर आंखें लगने से उन्हें रोशनी मिल गई। शुजालपुर निवासी लक्ष्मी देवी ने मृत्यु से अपने नेत्रदान किए थे जिन्हें भोपाल पहुंचाया जाना था।

शुजालपुर। यात्री ट्रेन नहीं मिलने पर रेलवे अधिकारी की मानवीय पहल के बाद गुरुवार को नेत्रहीनों को समय पर आंखें लगने से उन्हें रोशनी मिल गई। शुजालपुर निवासी लक्ष्मी देवी ने मृत्यु से अपने नेत्रदान किए थे जिन्हें भोपाल पहुंचाया जाना था।
लेकिन यात्री ट्रेन नहीं मिलने के कारण मध्यप्रदेशदेरी हो रही थी। रेलवे अधिकारी मानवीय पहले दिखाते हुए नॉन स्टॉप मालगाड़ी को शुजालपुर में रुकवा कर भोपाल भिजवाया। जिससे दो नेत्रहीन व्यक्तियों को समय रहते नेत्र प्रत्यारोपित हो गए और मृतक के अंतिम संस्कार से पहले ही उन्हें रोशनी मिल गई।
दरअसल पूरा शुजालपुर का है जहां श्रीचंद गंगवानी की पत्नी लक्ष्मी देवी का गुुरुवार को सुबह 8 बजे निधन हो गया था। लक्ष्मी देवी की इच्छानुसार परिजनों ने नेत्रदान के लिए पहल कर भोपाल के डॉ. के के जैन और मनीष माहेश्वरी को नेत्रदान कराया गया।
लक्ष्मी देवी की मृत्यु के बाद सारी प्रक्रिया को निभाते हुए आई बॉक्स 10.50 बजे स्टेशन पहुंचा, लेकिन उस समय कोई यात्री ट्रेन नहीं थी। रेलवे अधिकारी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल नॉन स्टॉप ट्रेन को रोककर आई बॉक्स रखकर भिजवाया। दोपहर 12.15 बजे नेत्र भोपाल पहुंच गए और शाम के पहले नेत्रों का प्रत्यारोपण भी कर दिया गया।
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