गर्भ परीक्षण करने वाली डॉक्टर को स्टिंग कर पकड़ा डिप्टी कलेक्टर ने, कार्रवाई के विरोध में डॉक्टर गए अनिश्चित हड़ताल पर Watch Video
मध्यप्रदेश ग्वालियर के जीआर मेडिकल कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रीति गर्ग के स्टिंग ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों की हड़ताल दूसरे दिन रविवार को भी जयारोग्य अस्पताल परिसर में जारी है।

मध्यप्रदेश ग्वालियर के जीआर मेडिकल कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रीति गर्ग के स्टिंग ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों की हड़ताल दूसरे दिन रविवार को भी जयारोग्य अस्पताल परिसर में जारी है। शहर के सभी गैर सरकारी डाॅक्टरों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए स्टिंग करने वाली महिला एसडीएम दीपशिखा भगत को निलंबित करने की मांग पर अड़े हुए हैं।
आज सुबह से ही जिला प्रशासन की टीम और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले हो रही हड़ताल और डॉक्टरों के धरने प्रदर्शन के बीच सुलह वार्ता के दौर जारी है। काफी मशक्कत के बाद भी जिला प्रशासन और आईएमए के डॉक्टरों के बीच सुलह की वार्ता सफल नहीं हो पा रही है। डॉक्टर स्टिंग ऑपरेशन करने वाली महिला एसडीएम दीपशिखा भगत के निलंबन की मांग पर अड़े हुए हैं।
वहीं प्रशासन का कहना है कि जांच के बाद जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जबकि आईएमए के डॉक्टर इस बात पर अड़े हुए हैं कि निलंबन से कम मुद्दे पर वे वार्ता को तैयार नहीं है। डॉक्टर्स का कहना है अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे प्रदेश व्यापी हड़ताल पर भी जा सकते हैं।
बता दें शनिवार को डिप्टी कलेक्टर दीपशिखा भगत मरीज बनकर सुबह सिटी सेंटर स्थित गर्ग मदर एंड चाइल्ड केयर क्लीनिक पहुंची। साथ में सादा वर्दी में दो महिला व दो पुरुष कर्मी भी मौजूद थे। डिप्टी कलेक्टर दीपशिखा ने अपना नाम दिपाशा शर्मा बताकर मेडिकल कॉलेज की स्त्री विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ. प्रतिभा से गर्भपात कराने का बोलने लगी। डॉक्टर ने पहले जेएएच जाने की सलाह दी। इसके बाद ज्यादा जिद करने पर डॉक्टर प्रतिभा ने अल्ट्रा साउंड कराने की सलाह देते हुए पर्चा लिख दिया और अपनी फीस ले ली।
डिप्टी कलेक्टर दीप शिखा ने अपने स्टिंग के एक घंटे बाद महिला डॉ. को थाने बुलवाया। डिप्टी कलेक्टर के निर्देश पर ही डॉ. प्रतिभा व उनके पति प्रदीप गर्ग का मोबाइल तथा क्लीनिक पर लगा डीबीआर भी जब्त कर लिया गया। सुबह से लेकर शाम तक 9 घंटे डॉक्टर से पूछताछ होती रही।
इसके बाद भी जब उन्हें नहीं छोड़ा गया तो पति डॉ. प्रदीप गर्ग ने वाट्स एप ग्रुप पर संदेश शहर के डॉक्टर व यूनियन को भेजा। इसके बाद थाने में डॉक्टरों की भीड़ जुट गई। थाने पहुंचे डॉक्टरों की सभी यूनियन के सदस्य जब इसे पश्चिम बंगाल की घटना से जोड़ने लगे और जेएएच सहित सभी अस्पतालों में हड़ताल की तैयारी करने लगे तो पुलिस व प्रशासन ने महिला डॉ. को सिर्फ नोटिस देकर छोड़ दिया। इस नोटिस में उन्हें जांच के लिए 1 जुलाई को कलेक्टोरेट के कमरा नंबर 206 में दोपहर 12 बजे आने की बात कही गई है।
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