मध्यप्रदेश समाचार: CM कमलनाथ ने कहा- पांच साल बाद दूंगा पूरा हिसाब किताब, BJP अपने घर को ठीक रखें
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मप्र गुजरात, ओड़ीसा, तमिलनाडु की तरह नहीं है, उनके पास तो पोर्ट (बंदरगाह) है। वहां के लोगों को पोर्ट से रोजगार मिलता है। पर हम उनकी नकल नहीं करना चाहते। मप्र की अर्थव्यवस्था खेती पर आधारित है।

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टीम डिजिटल /हरिभूमि भोपालCreated On: 16 Jan 2019 4:24 PM GMT
भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मप्र गुजरात, ओड़ीसा, तमिलनाडु की तरह नहीं है, उनके पास तो पोर्ट (बंदरगाह) है। वहां के लोगों को पोर्ट से रोजगार मिलता है। पर हम उनकी नकल नहीं करना चाहते। मप्र की अर्थव्यवस्था खेती पर आधारित है।
किराने की दुकान चलाने वाला भी किसान है। यहां के 70 फीसदी लोग किसान हैं। इसे देखते हुए हमें अपनी नीति बनानी होगी। उन्होंने कहा कि मैं पांच साल बाद हिसाब किताब दूंगा। एक महीने बाद बताउंगा कि क्या करने जा रहा हूं, कौन सी योजना ले आ रहा हूं।
उन्होंने कहा कि किसानों को मजबूत किए बिना मप्र की कृषि आधारित अर्थ-व्यवस्था मजबूत नहीं हो सकती। कृषि क्षेत्र अर्थ-व्यवस्था की नींव है। वे मंगलवार को होटल पलाश में पत्रकार मिलन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि 'जय किसान फसल ऋण माफी योजना' किसानों को आर्थिक रूप से मजबूती देने वाली योजना है।
20 सालों में किसानों के बच्चे भी पढ़ लिख कर बड़े हो गए, उनके लिए रोजगार की व्यवस्था करना होगा। युवाओं के लिए रोजगार निर्माण पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि निवेश आने से रोजगार का निर्माण होता है, विश्वास से ही निवेश आता है। निवेश आए बिना रोजगार के अवसर पैदा करना संभव नहीं है । जल्दी ही प्रदेश में निवेश आने का सिलसिला शुरू होगा।
किसान कर्ज में जीता है और उसी में मर जाता है
मुख्यमंत्री ने कहा कि कि बाजारों में रौनक तभी होगी, जब किसानों की क्रय शक्ति मजबूत होगी। यह योजना किसानों की मेहनत को समर्पित है। अभी यह स्थिति है कि किसान कर्ज में जन्म लेता है, कर्ज में जीता है और कर्ज में उसका अंत होता है। यह स्थिति ठीक नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों को मजबूत करेगी।
मोदी से भी कहा कि पांच साल का हिसाब दें
मुख्यमंत्री ने कहा कि मप्र के लोगों को 5 साल की हिसाब किताब दूंगा। मैनें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी कहा था कि नौजवान पांच साल का हिसाब मांग रहा है। उसे दे दीजिए। किंतु अभी तक नहीं दिया। हालांकि वे पांच साल बाद अपनी सरकार का हिसाब किताब देंेगे। मैं कई योजनाओं पर काम कर रहा हूं, अगले महीने इसकी रिपोर्ट दूंगा कि क्या कर रहे हैं और क्या करने जा रहे हैं।
भाजपा अपने घर को ठीक रखें, हमारी चिंता न करें
मुख्यमंत्री ने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि अपना घर ठीक रखें, हमारी चिंता न करें। आप समझ सकते हैं कि मैं क्या कह रहा हूं। उन्हें अपनी व्यवस्था को समझिए। उन्होंने कहा कि वे मुझे नहीं समझाएं कि बजट क्या होता है। उन्होंने सवाल किया कि मैदान छोड़कर कौन गया। मुझे पूरा विश्वास है कि कांग्रेस के साथी पार्टियाें की निष्ठा पर पूरा भरोसा है। उन्हें कोई प्रलोभन दें, पर वह नहीं चलेगा।
व्यापमं का नाम ही नहीं, व्यवस्था भी बदलेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापमं का नाम ही नहीं, बल्िक उसकी व्यवस्था भी बदलेंगे। यह नाम अब कलंकित हो गया है। इसलिए नाम बदलने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि व्यापमं देश ही नहीं विश्व भर में बदनाम है, ऐसे में पूरी व्यवस्था बदलने के अलावा कोई चारा नहीं है।
मुख्यमंत्री ने डेढ़ घंटे में कर दी कर्ज माफी की घोषणा
जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी ने 10 दिन में कर्ज माफी का वादा किया था, किंतु मुख्यमंत्री ने महज डेढ़ घ्ांटे में ही कर्ज माफी का आदेश जारी कर दिया। फार्म आज से भरा जाएगा। 22 फरवरी तक प्रकि्रया चलेगी। इसके बाद किसानों के अकाउंट में पैसा पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी मंत्री व विधायक अपने अपने जिलों व क्षेत्रों में कर्ज माफी योजना का शुभारंभ कर रहे हैं। किसान पर कर्ज नहीं रहेगा। यह पूरा अर्थशास्त्र का सर्कल है। हम जो पैसा देंगे हमारी अर्थव्यवस्था में ही पैसा आएगा।
किसानों ने सुनाएं अपने अनुभव
किसान देवनारायण ने कहा कि दो लाख का कर्ज माफ हो रहा है। इससे आत्महत्या बंद हो जाएगी। पहले सोसायटी में गेहूं ले जाते थे तो पूरा पैसा कर्ज पटाने में चला जाता था। अब ऐसा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पीसी जैसा मंत्री होना चाहिए। राह चलते लोगों से पूछते हैं कि कुछ काम तो नहीं है। बताओ करा देता हूं। किसान अमर सिंह ने कहा कि जो सरकार गरीबों की सुनेगी, वह तुम्हारी सुनेगा। आपने जो किया है, वह किसी ने नहीं किया। बेईमानों ने कुछ नहीं सुना, पर आपने सुना है।
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