Big Breaking: पहले दिन दफ्तर पहुंचे कमलनाथ, किया किसानों का कर्ज माफ
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को शपथ लेकर कार्यभार संभाल लिया। शपथ लेते ही वह मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने किसानों की कर्जमाफी की फाइलों पर हस्ताक्षर किया। आपको बता दें कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में कहा गया था कि सरकार बनते ही कांग्रेस 10 दिनों के भीतर किसानों का कर्ज माफ करेगी।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 17 Dec 2018 5:07 PM GMT Last Updated On: 17 Dec 2018 5:07 PM GMT
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को शपथ लेकर कार्यभार संभाल लिया। शपथ लेते ही वह मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने किसानों की कर्जमाफी की फाइलों पर हस्ताक्षर किया। आपको बता दें कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में कहा गया था कि सरकार बनते ही कांग्रेस 10 दिनों के भीतर किसानों का कर्ज माफ करेगी।
अगर ऐसा नहीं हो पाया तो कांग्रेस 10 दिनों के भीतर ही अपने मुख्यमंत्री को बदल देगी। फिलहाल बताया जा रहा है कि कमलनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली फाइल पर हस्ताक्षर किया है। वह कर्जमाफी की फाइल है।
Bhopal: Madhya Pradesh Chief Minister Kamal Nath signs on the files for farm loan waiver pic.twitter.com/NspxMA8Z6i
— ANI (@ANI) December 17, 2018
आपको बता दें कि सोमवार को कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ ने मध्य प्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उन्हें शहर के जम्बूरी मैदान में एक भव्य समारोह में शपथ दिलाई। कमलनाथ ने हिन्दी में शपथ ली और अकेले शपथ ग्रहण किया।
उनके मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले मंत्रियों को बाद में शपथ दिलाई जाएगी। शपथ ग्रहण समारोह में राहुल गांधी, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के मंच पर आते ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हर्षोउल्लस के साथ जमकर नारे लगाये।
शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित संप्रग के कई दिग्गज नेता मौजूद थे, जिनमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी, द्रमुक नेता एम के स्टालिन, तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चन्द्रबाबू नायडू, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, नेशनल कांफ्रेस के नेता फारूख अब्दुल्ला, तृणमूल कांग्रेस के नेता दिनेश त्रिवेदी शामिल हैं।
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कार्यक्रम में बसपा प्रमुख मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव को भी आना था लेकिन किन्हीं कारणों से दोनों नहीं आ सके। इस भव्य समारोह से पहले मैदान में सर्वधर्म प्रार्थना हुई। कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के बाद राज्यपाल आनंदीबेन वहां से रवाना हो गईं।
शपथ ग्रहण से पहले मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक साथ हाथ उठाकर जनता का अभिवादन किया। वर्ष 2019 के आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए यहां प्रमुख विपक्षी नेताओं का इकठ्ठा होना महागठबंधन बनने की संभावना की दिशा में एक अहम संकेत माना जा रहा है।
जम्बूरी मैदान में शपथ ग्रहण का भव्य समारोह आयोजित करने की पिछले तीन दिन से तैयारियां की जा रही थी। मालूम हो कि कमलनाथ के पहले भाजपा के शिवराज सिंह चौहान ने भी इसी मैदान पर तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सहित भाजपा के सभी अहम नेताओं की बड़ी सभाएं भी इसी मैदान पर होती रही हैं।
मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए 28 नवंबर को मतदान हुआ था और 11 दिसंबर को आए चुनाव परिणाम में प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 114 सीटें मिली हैं। वह बसपा के दो, सपा के एक और चार अन्य निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बना रही है। उसे फिलहाल कुल 121 विधायकों का समर्थन हासिल है। वहीं, भाजपा को 109 सीटें मिली हैं।
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