जनहित याचिका में नोटा का भी चुनाव चिन्ह शामिल करने की मांग
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग से पूछा कि ईवीएम में नोटा की पहचान और उसके प्रचार के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 27 Nov 2018 10:51 PM GMT
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग से पूछा कि ईवीएम में नोटा की पहचान और उसके प्रचार के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं।
जस्टिस सतीशचंद्र शर्मा और जस्टिस वीरेंदर सिंह की बैंच ने याचिका सुनने के बाद चुनाव आयोग को स्थिति स्पष्ट करने को कहा है हाईकोर्ट अब 30 नवंबर यानि विधानसभा चुनाव के मतदान के बाद इस पर सुनवाई करेगा। याचिकाकर्ता यशवंत अग्निहोत्री ने याचिका में मांग की है कि जिस तरह राजनीतिक दलों का चुनाव चिह्न है, उसी तरह नोटा के लिए भी चिह्न होना चाहिए।
दरअसल, इस बार चुनाव आयोग ने वोट डालने को लेकर तो व्यापक प्रचार प्रसार किया, लेकिन नोटा का प्रचार नहीं किया गया. चुनाव में नोटा को ज्यादा वोट मिलेंगे तो राजनीतिक दल बेहतर प्रत्याशी उतारेंगे। अपराधी प्रवृत्ति के प्रत्याशी चुनाव से बाहर होने लगेंगे। गौरतलब है कि जब लोगों के मन मुताबिक उम्मीदवार खड़ा नहीं होता तो वे नोटा का विकल्प चुनते हैं और कई बार नोटा को प्रत्याशियों में जीत के अंतर से ज्यादा मत मिले होते हैं।
गौरतलब है कि सोमवार को भोपाल में एक संगठन ब्रह्म समागम ने भी साइकिल रैली निकालकर चुनाव आयोग के नाम ज्ञापन मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव को दिया था, जिसमें प्रत्याशियाें के एजेंटों की ही तरह नोटा के लिए भी मतदान स्थल और बाहर एजेंट नियुक्ति की व्यवस्था करने की मांग की गई है।
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