Madhya Pradesh Assembly Election: बसपा ने व्यापमं घोटाले के मास्टरमाइंड जगदीश सागर को भी बना दिया प्रत्याशी
व्यापमं घोटाले का मास्टर माइंड जगदीश सागर अब बसपा का दामन पकड़कर विधानसभा चुनाव से अपनी राजनीतिक पारी शुरू कर रहा है। उसे बसपा ने भिंड जिले की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विधानसभा सीट गोहद से उम्मीदवार बनाया है।

व्यापमं घोटाले का मास्टर माइंड जगदीश सागर अब बसपा का दामन पकड़कर विधानसभा चुनाव से अपनी राजनीतिक पारी शुरू कर रहा है। उसे बसपा ने भिंड जिले की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विधानसभा सीट गोहद से उम्मीदवार बनाया है।
वह वर्तमान भाजपा सरकार के मंत्री लाल सिंह आर्य और कांग्रेस प्रत्याशी रणवीर जाटव के खिलाफ जीतने के लिए मैदान में उतरा है। शिवराज सरकार के दौरान हुए व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाले ने मध्य प्रदेश की राजनीति में तूफान खड़ा कर दिया था।
यह 2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान सरकार के खिलाफ बड़ा मुद्दा था, लेकिन इसके बावजूद भाजपा फिर सरकार बनाने में कामयाब हो गई। कांग्रेस आरोप लगाती रही लेकिन भाजपा का कहना था कि इस घोटाले को सरकार ने ही पकड़ा और जांच कर मामला अदालत तक पहुंचाया।
व्यापमं के ज़रिए प्रोफेशनल कोर्सेस की परीक्षाओं और सरकारी नौकरियों में भर्ती के इस घोटाले का ख़ुलासा हुआ था. मेडिकल कॉलेजों में भर्ती के इस घोटाले में सबसे पहले जिन लोगों का नाम आया, उनमें जगदीश सागर प्रमुख था. कांग्रेस ने इस मुद्दे को ज़ोरशोर से उठाया था और अब भी व्यापाम घोटाला उसके लिए बड़ा चुनावी मुद्दा है।
पेशे से डॉक्टर जगदीश सागर इस घोटाले का मास्टर माइंड था। आरोप है कि उसने पीएमटी में फर्ज़ीवाड़ा कर 100 से ज़्यादा विद्यार्थियों को ग़लत तरीके से मेडिकल कॉलेजों में दाख़िला दिलाया था। जांच में खुलासा होने पर इंदौर क्राइम ब्रांच पुलिस ने 2013 में उसे मुंबई से गिरफ़्तार किया था।
व्यापमं घोटाले के इस आरोपी ने अपने नामांकन पत्र के साथ शपथ पत्र में अपनी संपत्ति का जो ब्यौरा दिया है, उसके मुताबिक, सागर के 31 छोटे बड़े प्लॉट हैं। उसकी चल संपत्ति की कीमत 1.82 करोड़ है. पत्नी सुनीता सागर 39.29 की संपत्ति की मालिक है।
सागर दंपति अपनी शानो शौकत की ज़िंदगी के लिए जाना जाता है। इसके सिवाय व्यापम घोटाले के इस आरोपी के पास 3.78 करोड़ की अचल संपत्ति और उसकी पत्नी के पास 1.30 करोड़ की संपत्ति है। प्रवर्तन निदेशालय इंदौर और भिंड में डॉ. जगदीश सागर की 18 करोड़ की चल-अचल संपत्ति अटैच कर चुका है। सागर दंपति भिंड जिले का ही रहने वाला है।
2013 में गिरफ़्तारी के बाद सागर ने राजनीति में उतरने के अपने इरादे जाहिर कर दिए थे। पिछले महीने उसने टिकट के लिए बसपा नेताआें से संपर्क किया था। भिंड के स्थानीय बसपा नेताओं ने उसकी उम्मीदवारी पर विरोध जताया था।
डॉ जगदीश सागर ने शपथ पत्र में अपने ख़िलाफ दायर आपराधिक मामलों का ब्यौरा दिया है। इसमें मध्य प्रदेश पीएमटी घोटाला और मनी लॉड्रिंग केस भी शामिल है।
व्यापमं के इस महाघोटाले के आरोपी को टिकट देने पर बसपा का कहना है कि सागर ने टिकट मांगते समय ये कहा था कि उसे एससी वर्ग का होने के कारण फंसाया गया है।
पार्टी अपना तर्क यह है कि जब व्यापमं घोटाले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम आने पर भी वे चुनाव लड़ सकते हैं तो फिर जगदीश सागर क्यों नहीं लड़ सकते?
गौरतलब है कि व्यापमं मामले में भाजपा ने राज्य सरकार के तत्कालीन तकनीकी शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को पार्टी से बाहर कर दिया था, उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।
इससे पहले वे 2013 का चुनाव भी अपनी पारंपरिक सीट सिरोंज से हार गए थे। इस बार भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया। उनकी जगह उनके बड़े भाई विदिशा के पूर्व जिला भाजपा अध्यक्ष उमाकांत को प्रत्याशी बनाया है।
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