Jyotiraditya Scindia : जानें ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी, बेटा-बेटी घर और पूरी कमाई के बारे में
कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया ने पार्टी के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद कांग्रेस में इस्तीफों का सिलसिला जारी है। इससे पहले कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। आइए जानते हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में-

कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया ने पार्टी के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद कांग्रेस में इस्तीफों का सिलसिला जारी है। इससे पहले कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। आइए जानते हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में-
ज्योतिरादित्य की शिक्षा
ज्योतिरादित्य का जन्म 1 जनवरी 1971 को बॉम्बे में हुआ। उन्होंने शहर के कैंपियन स्कूल और द दून स्कूल से शुरूआती शिक्षा ली। इसके बाद 1993 में उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के द अंडरग्रेजुएट लिबरल आर्ट्स कॉलेज से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन किया। साल 2001 में उन्होंने स्टैनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल से एमबीए की डिग्री हासिल की।
30 सितंबर 2001 को उत्तर प्रदेश में एक विमान दुर्घटना में सिंधिया के पिता की मृत्यु के कारण गुना निर्वाचन क्षेत्र खाली हो गया था। इसके बाद 18 दिसंबर को वह औपचारिक रूप से कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। इस दौरान उन्होंने अपने पिता के धर्मनिरपेक्ष, उदार और सामाजिक न्याय मूल्यों को बनाए रखने का संकल्प लिया।
पिता की मौत के बाद जीता चुनाव
इसके बाद 19 जनवरी 2002 को सिंधिया ने गुना निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा उपचुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। उन्होंने अपने चुनाव अभियान के दौरान निर्वाचन क्षेत्र के विकास और नागरिकों के कल्याण के लिए खुद को समर्पित करने का वादा किया। 24 फरवरी को उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी भाजपा के देशराज सिंह यादव को लगभग 4,50,000 मतों से हराया।
यूपीए सरकार में मिली कई जिम्मेदारी
मई 2004 में उन्हें फिर से चुना गया और 2007 में केंद्रीय कैबिनेट में उन्हें संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री का जिम्मा दिया गया। फिर 2009 में उन्हें लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए चुना गया। इस दौरान सिंधिया को वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री का जिम्मा सौंपा गया। इसके बाद वह उर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बने।
25 करोड़ की संपत्ति
सिंधिया यूपीए सरकार के सबसे अमीर मंत्रियों में से थे। तब उनकी संपत्ति लगभग 25 करोड़ (5 मिलियन डॉलर) रूपये थी। इसमें से 16 करोड़ से अधिक भारतीय और विदेशी प्रतिभूतियों में निवेश और 5.7 करोड़ रूपये से भी अधिक के आभूषण शामिल थे। उन्होंने अपने दिवंगत पिता की 20,000 करोड़ की संपत्ति का एकमात्र उत्तराधिकारी होने का कानूनी दावा भी दाखिल किया है। हालांकि इसे उनकी मौसी ने अदालत में चुनौती दी है।
सिंधिया ग्वालियर के सिंधिया स्कूल के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चैयरमेन भी हैं, जिसकी स्थापना उनके परदादा माधो राव सिंधिया ने 1897 में भारतीय राजकुमारों और रईसों के बेटों की पढ़ाई के लिए की थी। 1947 में इस स्कूल के दरवाजे जनता के लिए खोल दिए गए। वह इंदौर के डेली कॉलेज के वंशानुगत संरक्षक भी हैं, जिसे 1882 में मध्य भारतीय रियासतों के राजघराने, कुलीनता और अभिजात वर्ग के बच्चों को शिक्षित करने के लिए स्थापित किया गया था।
अपने परिवार के गढ़ में हार गए चुनाव
2019 के लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने परिवार के गढ़ गुना से हार गए जो उनके पिता और दादी ने जीता था। हालांकि वह 2014 के आम चुनाव में मोदी लहर से बच गए और 1 लाख से अधिक वोटों से जीते थे।
व्यक्तिगत जीवन
ज्योतिरादित्य सिंधिंया की पत्नी का नाम प्रियदर्शनी राजे सिंधिया है। वह बड़ोदा (अब वडोदरा) से ताल्लुक रखती हैं। उनके दो बच्चें हैं जिनका नाम अनन्या सिंधिया (बेटी) और महानर्यामन सिंधिया (बेटी) है।
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