संगठनों की चेतावनी और शासन के आदेश बेअसर, सैंकड़ो शिक्षक अभी भी बीएलओ ड्यूटी में लगे
शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य कराए जाने पर शासन की रोक और शिक्षक संगठनों की आंदोलन की चेतावनी बेअसर होती नजर आ रही है। राजधानी में अभी भी 400 से अधिक शिक्षकों से बीएलओ का कार्य कराया जा रहा हैं।

भोपाल। शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य कराए जाने पर शासन की रोक और शिक्षक संगठनों की आंदोलन की चेतावनी बेअसर होती नजर आ रही है। राजधानी में अभी भी 400 से अधिक शिक्षकों से बीएलओ का कार्य कराया जा रहा हैं। जिसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। शिक्षकों का कहना है कि बीएलओ को अपने एंड्राइड मोबाइल में एप डाउनलोड करके उनके माध्यम से मतदाता की जानकारी का सत्यापन करना है, जिसके तहत इन दिनों 15 अक्टूबर तक चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत बीएलओ घर&घर जाकर आधार कार्ड स्कैन करके सत्यापन की तमाम प्रक्रिया को अंजाम देने में लगे हुए हैंं।
इनमें से किसी भी बीएलओ को थोड़ी सी भी जानकारी देने या फॉर्म प्रदान करने मात्र के लिए भी मीटिंग के बहाने तहसील कार्यालय में बुला लिया जाता है, जिससे उस दिन शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों की या अन्य किसी शिक्षक के अवकाश पर रहने वाले स्कूलों की व्यवस्थाएं गड़बड़ा जाती है। जिसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। लेकिन यहां अपना काम निकालने के लिए प्रशासन की प्रेशर पॉलिटिक्स जारी है।
इनका कहना
एक तरफ शिक्षा विभाग शिक्षकों पर दबाव बना रहा है कि स्कूलों पढ़ाएं नही तो वेतन रोक दिया जाएगा। वहीं राजस्व विभाग के अधिकारी धमकी दे रहे हैं कि डोर टू डोर मोबाइल एप पर सर्वे नही किया गया तो सस्पेंड कर दिया जाएगा। दो लोगो सस्पेंड भी कर दिया है। इससे शिक्षक परेशान हो रहे हैं। संगठन बहुत जल्द ही इसके खिलाफ एक बड़ा आदोलन करेंगा।
- सुभाष सक्सेना, संभागीय सचिव, मप्र शिक्षक कांग्रेस
शासन के आदेशों के बावजूद और संगठनों द्वारा आंदोलन की चेतावनी देने के बाद भी शिक्षकों को बीएलओ कार्य से मुक्त नही किया जा रहा है। जिसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। लेकिन आला अधिकारी इस ओर ध्यान नही दे रहे हैं।
- उप्रेंद्र कौशल, प्रदेश संयोजक, मप्र शासकीय अध्यापक संगठन
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