दिनभर भी नहीं टिक पाई सातवें वेतनमान की खुशी, महज 5 घंटे में ही सरकार ने वापस लिया आदेश
प्रदेश के शासकीय कॉलेजों में कार्यरत प्राचार्यों, शिक्षकों, ग्रंथपालों, क्रीड़ा अधिकारियों एवं विश्वविद्यालयों (निजी विवि को छोड़कर) के कुलसचिवों के लिए सातवे वेतनमान की खुशखबरी मात्र पांच घंटे के लिए ही रही।

भोपाल. प्रदेश के शासकीय कॉलेजों में कार्यरत प्राचार्यों, शिक्षकों, ग्रंथपालों, क्रीड़ा अधिकारियों एवं विश्वविद्यालयों (निजी विवि को छोड़कर) के कुलसचिवों के लिए सातवे वेतनमान की खुशखबरी मात्र पांच घंटे के लिए ही रही। शाम 4 बजे उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर सातवें वेतनमान स्वीकृति संबंधी आदेश जारी किये गए। वहीं रात 9 बजे उसे वेबसाइट से हटा भी दिया गया। इसे लेकर अधिकारी खुलकर कुछ बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय से संबंधित वेतनमान में कई विसंगतियां थी, जिस कारण इसे वापस ले लिया गया है। दोबारा संसोधन कर इसे जारी किया जाएगा। विवि शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष शैलेंद्र किशोर मिश्रा ने बताया कि अब तक जो वेतनमान जारी होते आए हैं उनमें कॉलेज और विवि शिक्षक का अलग-अलग टेबल रहता था, इस बार के वेतनमान में ऐसा नहीं था। कुलपति, क्रीड़ा निदेशक और लाइब्रेरियन की पृथक से जानकारी भी नहीं थी। 10 हजार का जो टेबल जारी किया गया वह विवि स्तर के शिक्षक के लिए होता है जो कॉलेज के लिए दिखा दिया जो कि गलत था। संभवत: इसलिए ही वेतनमान का आदेश वापस ले लिया गया।
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