तीन कुर्ते और एक साइकिल : पूर्व आरबीआई गर्वनर रघुराम राजन का गुरु रहा है यह प्रोफेसर, अब आदिवासियों के लिए कर रहा है काम
लंबी दाढ़ी, उलझे हुए बाल, चेहरे पर झुर्रियां और तन पर कपड़े के नाम पर एक लुंगी...इनके इस हुलिए से धोखा मत खाइए, दिखने में ये सामान्य गरीब व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के गुरु है।

भोपाल। लंबी दाढ़ी, उलझे हुए बाल, चेहरे पर झुर्रियां और तन पर कपड़े के नाम पर एक लुंगी...इनके इस हुलिए से धोखा मत खाइए, दिखने में ये सामान्य गरीब व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के गुरु है। हम बात कर रहे हैं। बैतूल जिले के भौरा तहसील के कोचामाऊ आदिवासी गांव में रहने वाले आलोक सागर की। आलोक सागर, जिन्होंने आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग करने के बाद अमेरिका की मशहूर ह्यूसटन यूनिवर्सिटी से पीएचडी की पढ़ाई की, लेकिन आज वे मध्य प्रदेश के छोटे से गांव में आदिवासी बच्चों को पढ़ा रहे हैं। यही नहीं वे जंगलों को हराभरा करने के अभियान में भी लगे हुए हैं। बीते 34 सालों में उन्होंने लाखों पौधे लगा दिए हैं। ये पौधे अब घने और छायादार वृक्ष बन चुके हैं। आलोक सागर ने आदिवासियों के बीच उन्हीं की तरह जीवनयापन कर उन्हें जागरूक किया। नतीजा यह रहा कि कोचामाऊ गांव में आज कोई आदिवासी कुल्हाड़ी नहीं रखता है। नि:स्वार्थ भाव से आलोक सागर द्वारा की जा रही यह सेवा निरंतर जारी है।
सामान्य जीवन जीने के लिए सामान्य लोगों के बीच रहना जरूरी
पिछले 34 साल से आलोक सागर ने अपना जीवन आदिवासियों के बीच रहकर प्रकृति और आदिवासियों की सेवा कर रहे हैं। आलोक सागर का मानना है कि प्रकृति के नजदीक एक सामान्य जीवन जीने के लिये सामान्य लोगों के बीच रहना जरूरी है और आदिवासियों से बेहतर सामान्य जीवन कोई नहीं जी सकता। जितना हम प्रकृति से लेते हैं, उतना ही हमें वापस लौटाना भी पड़ता है। सिर्फ उच्च शिक्षा के आधार पर वे आदिवासियों से अलग न दिखे इसलिए वे उन्हीं की तरह रहते हैं और प्रकृति को कोई नुकसान न पहुंचे इसलिए साइकिल से चलते हैं।
इस तरह चर्चा में आए सामने
करीब 30 साल तक आलोक सागर ने कभी किसी को उनकी असली पहचान जाहिर नहीं होने दी। 2016 में घोड़ाडोंगरी विधानसभा चुनाव में पुलिस ने इन्हें वेरिफिकेशन के लिए थाने बुलाया। पूछताछ में जब इनकी असलियत सामने आई तो इंटेलिजेंस के अधिकारी भी चौंक गए। जानकारी के अनुसार आलोक सागर के छोटे भाई आज भी आईआईटी में प्रोफेसर हैं। उनकी मां मिरंडा हाउस में फिजिक्स की प्रोफेसर थीं और पिता इंडियन रेवेन्यू सर्विस में अधिकारी थे।
करोड़ों की संपत्ति के मालिक के पास है तीन कुर्ते और एक साइकिल की जागीर
यदि आलोक सागर के निजी जीवन की बात की जाए तो वो दिल्ली में करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं, लेकिन इसका असर उनकी जिंदगी पर कभी नहीं पड़ा। उनके पास पहनने के लिए बस तीन कुर्ते हैं और एक साइकिल। आलोक सागर आईआईटी दिल्ली से पढ़ने के बाद अमेरिका की टेक्सास यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाई करने गए। इसके बाद हेलिफेक्स कनाडा की डेलहोसी यूनिवर्सिटी से मनोविज्ञान की पढ़ाई के 1980 में भारत वापस आए और फिर आईआईटी दिल्ली में ही बतौर प्रोफेसर एक साल तक नौकरी की।
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