6 साल पहले ग्राहक के खाते से पोस्टमास्टर ने काटे 8 हजार, अब फोरम के आदेश के बाद देने होंगे 16 हजार
पोस्ट ऑफिस में ग्राहक के खाते से बेवजह राशि काटने के एक 6 साल पुराने मामले में जिला उपभोक्ता फोरम ने पोस्टमास्टर पर जुर्माना ठोकते हुए काटी गई राशि 8 हजार रुपए ब्याज के साथ लौटाने के अलावा बतौर हजार्ना 8 हजार रुपए की राशि सहित कुल 16 हजार रूपए ग्राहक को लौटाने के आदेश दिए हैं।

भोपाल। पोस्ट ऑफिस में ग्राहक के खाते से बेवजह राशि काटने के 6 साल पुराने मामले में जिला उपभोक्ता फोरम ने पोस्टमास्टर पर जुर्माना ठोकते हुए काटी गई राशि 8 हजार रुपए ब्याज के साथ लौटाने के अलावा बतौर हजार्ना 8 हजार रुपए की राशि सहित कुल 16 हजार रूपए ग्राहक को लौटाने के आदेश दिए हैं। यह आदेश जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष न्यायाधीश आर के भावे और पीठासीन सदस्य सुनील श्रीवास्तव की बेंच ने राजधानी के कोलार पोस्ट ऑफिस के पोस्ट मास्टर और सेन्ट्रल पोस्ट ऑफिस टीटी नगर के पोस्ट मास्टर को दिए हैं। राशि आदेश दिनांक से दो महीने के भीतर उपभोक्ता को अदा नहीं करने पर अतिरिक्त ब्याज के साथ अदा करनी होगी।
फोरम ने अपने आदेश में कहा कि पोस्ट ऑफिस द्वारा उपभोक्ता को स्कीम के बारे में साफ तौर पर नहीं बताया गया इसके अलावा काटी गई 8 हजार रुपए की राशि के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी। साथ ही उपभोक्ता द्वारा की गई शिकायत को भी गंभीरता से नहीं लिया और न ही ठीक से निराकरण किया, जो निश्चित रूप से सेवा में कमी को दशार्ता है। इसके लिए पोस्ट मास्टर कोलार पोस्ट ऑफिस और सेन्ट्रल पोस्ट ऑफिस टीटी नगर संयुक्त रूप से उत्तर दायी हैं। इसलिए उनको आदेश दिया जाता है कि आदेश दिनांक से दो महीने के भीतर आवेदक को 8000 रुपए मय मेच्योरिटी दिनांक 8 जुलाई 2008 से वसूली दिनांक तक 9 प्रतिशत ब्यात के साथ भुगतान करें। इसके अलावा 5000 रुपए मानसिक और 3000 रुपए वाद व्यय के रूप में मिलाकर कुल 16,000 रुपए आवेदक को अदा करें।
यह है मामला :
जानकारी के मुताबिक राजधानी के कोलार रोड ज्ञानपुरी अकबरपुर निवासी शियोराम श्याग द्वारा पोस्ट मास्टर कोलार पोस्ट ऑफिस और सेन्ट्रल पोस्ट ऑफिस टीटी नगर के खिलाफ वर्ष 2012 में फोरम के समक्ष याचिका पेश की जिसमें बताया कि उन्होने वर्ष 2001 में रिटायरमेंट के मिले रुपए में से 8 लाख रुपए कोलार पास्ट ऑफिस में सीनियर सिटीजन स्कीम के तहत 3 साल के लिए जमा किए थे, जमा राशि पर 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज मिलना था। ब्याज की राशि उसके बचत खाते में क्वाटरली जमा की जाती थी। 8 जुलाई 2008 को पोस्ट ऑफिस की ओर से सूचना दी गई कि उसको 8 हजार रुपए का ज्यादा भुगतान हो गया है, यह राशि उसके 8 लाख रुपए में से काटी जाएगी। पोस्ट मास्टर की ओर से तर्क दिया गया कि ग्राहक को स्कीम के बारे में पहले ही जानकारी दे दी गई थी, स्कीम के आवेदन फार्म में भी इसका जिक्र है। इसके मुताबिक ग्राहक द्वारा मेच्योरिटी से पहले राशि निकालने पर ब्याज की रािश कम हो जाती है।
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