लखनऊ में 15 साल की प्लानिंग के बाद फर्जी आईपीएस तीन करोड़ के जेवर ठगने में कामयाब, बस एक गलती ले डूबी
अमीनाबाद में मोहनश्याम ज्वेलर्स के मालिक नितेश रस्तोगी से खुद को महाराष्ट्र कैडर का आईपीएस अधिकारी बताने वाले शख्स ने तीन करोड़ से अधिक के जेवर ठग लिए। इसके लिए आरोपी ने 15 साल लंबी प्लानिंग रची। पूछताछ में आरोपी से ठगी के कई और बड़े मामलों का खुलासा होने की भी उम्मीद है।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में एक फर्जी आईपीएस (Fake IPS) ने 15 साल की प्लानिंग के बाद मशहूर ज्यूलर से तीन करोड़ के जेवर तो ठग लिए, लेकिन उसकी एक गलती भारी पड़ गई। आरोपी अब एटीएस (ATS) की हिरासत में है। पूछताछ में उसने ऐसे चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, जिससे अधिकारी भी हैरान हैं। एटीएस को उससे ठगी के कई अन्य मामलों का भी खुलासा होने की उम्मीद है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खुद को महाराष्ट्र कैडर का आईपीएस बताने वाले राजीव कुमार ने लखनऊ के जाने माने मोहनश्याम ज्वेलर्स (Mohanlal Jewelers) के मालिक और पीड़ित ज्वैलर नितेश रस्तोगी से तीन करोड़ रुपये के जेवर ठग लिए। पूछताछ में राजीव ने खुलासा किया कि उसके पिता बृजेंद्र सिंह भी पुलिस इंस्पेक्टर रह चुके हैं। वे हाल ही में सीतापुर (Sitapur) में सेवा देने के बाद रिटायर हुए हैं।
उनके माता पिता का अमीनाबाद में मोहनश्याम ज्वेलर्स के मालिक और पीड़ित ज्वैलर नितेश रस्तोगी की दुकान पर आना जाना था। साल 2005 से वो भी दुकान पर गया और इसके बाद उसका आना-जाना हो गया। पूछताछ में राजीव ने बताया कि उसने खुद को महाराष्ट्र कैडर का आईपीएस बताकर ज्यूलर का भरोसा जीत लिया। इसके बाद उधार पर रुपये लेने लगा और कुछ समय बाद चुका देता। इससे ज्यूलर का उस पर भरोसा बढ़ गया। पिछले साल आरोपी राजीव ने खरीदारी और उधारी की लिमिट बढ़ाकर जुलाई में 67 लाख और दिसंबर महीने में एक करोड़ 95 लाख की ज्वैलरी खरीदी।
राजीव ने पूछताछ में खुलासा किया कि ज्यूलर को उस पर भरोसा हो चुका था। उसने उससे तीन करोड़ 17 लाख रुपये के आभूषण ले लिए। पुराना संबंध होने की वजह से ज्यूलर ने कई महीने परेशान नहीं किया। जब ज्यूलर का फोन आने लगा तो उसने बहाने बनाने शेुरू कर दिए। जब ज्यूलर ने दबाव बनाना शुरू किया तो राजीव ने आईपीएस का रौब दिखाना शुरू कर दिया और पैसे लौटाने से मना कर दिया। इस पर ज्यूलर ने पुलिस को शिकायत दी, जिसके बाद एटीएस ने राजीव को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के पास से पांच किलोग्राम से अधिक के जेवरात बरामद हुए हैं। उसके पास से डीसीपी क्राइम ब्रांच मुंबई का फर्जी परिचय पत्र मिला है। एटीएस को शक है कि उसने कई और लोगों से भी इस तरह की ठगी की होगी। बहरहाल उसके खिलाफ जांच चल रही है।