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विधानसभा चुनाव 2022 : निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय बोले- राजभर हमारे बड़े भाई हैं, जल्द ही आएंगे साथ

उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) होने है. इस बीच निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद (Sanjay Nishad) ने मंगलवार को कहा कि लखनऊ में गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक में गठबंधन के तहत निषाद पार्टी की सीटों पर बातचीत हुई है।

विधानसभा चुनाव 2022 : निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय बोले- राजभर हमारे बड़े भाई हैं, जल्द ही आएंगे साथ
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उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) होने है. इस बीच निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद (Sanjay Nishad) ने मंगलवार को कहा कि लखनऊ में गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक में गठबंधन के तहत निषाद पार्टी की सीटों पर बातचीत हुई है। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) भाजपा (BJP) के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) को सीटें तय करने की जिम्मेदारी दी है।

जल्द ही सीटों पर फैसला हो जाएगा। उनसे ओम प्रकाश राजभर के साथ गठबंधन पर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा राजभर फिर से साथ आएंगे, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा राजभर हमारे भाई हैं, न जाने कौन उनका राजनीतिक सलाहकार (Political Advisor) बन गया है, जो उन्हें बार-बार नुकसान पहुंचा रहा है। वह हमारे साथ आएंगे, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा के सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन में कुछ लोगों ने उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Maurya) के सामने मझवाड़ा आरक्षण के नारे लगाए। वे हमारे विरोधी थे, लेकिन अच्छी बात यह है कि अब मझवाड़ा समाज के भाजपा नेता भी बोलने लगे हैं। बीजेपी उन नेताओं को धन्यवाद देगी जो बीच में आरक्षण नहीं होने पर वोट नहीं देने की बात कर रहे हैं।

जब नेता बोलना शुरू करते हैं तो नीति बनती है अभी तक नेता नहीं बोल रहे थे, अब इस पर बीजेपी नेता बोलने लगे हैं। मझवाड़ा आरक्षण पर फैसला अधिकारियों ने अटका दिया है। यह फ़ाइल सही तालिका में भेज दी गई है। 21 नवंबर को मछुआरा दिवस का कार्यक्रम है, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह को बुलाया जा रहा है, जल्द ही आरक्षण मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछली सपा और बसपा सरकारों ने मझवाड़ा समाज से आरक्षण, बालू घाट, तालाब पोखरा आदि छीनने का काम किया था। पहले ये पार्टियां हाथी, लाठी, 786 का नारा देती थीं। इस चुनाव में सब कुछ अलग है। वहीं केवट, बिंद, मल्लाह, कश्यप आदि जातियां, जो पहले पौवा-पौवा में विभाजित थीं, अब एक हो गई हैं।

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