मोहन भागवत बोले- ऐसी करो पढ़ाई, जिससे परिवार व सामाजिक कर्तव्यों को निभाने में न आए दिक्कत
आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने आज यूपी के मथुरा में रामकली देवी सरस्वती बालिका विद्या मंदिर में नवीन भवन का लोकार्पण किया। जहां भागवत ने मौजूद लोगों और छात्रों को संबोधित करते हुए शिक्षा की जरूरतों पर जोर दिया।

मोहन भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघचालक (आरएसएस प्रमुख) डॉ. मोहन भागवत बुधवार को मथुरा के वृन्दावन ब्रजप्रांत में अपने दौरे के तीसरे दिन केशव धाम में रामकली देवी सरस्वती बालिका विद्या मंदिर पहुंचे। जहां मोहन भागवत ने रामकली देवी सरस्वती बालिका विद्या मंदिर के नवीन भवन का लोकार्पण किया। इस मौके पर उपस्थित छात्रओं और लोगों को संबोधित करते हुए मोहन भागवत शिक्षा की जरूरतों पर जोर दिया।
मोहन भागवत ने कहा कि जीवन की जो जरूरत हैं, उसमें अन्न, स्वास्थ्य व शिक्षा प्रमुख हैं। मोहन भागवत ने कहा कि इसीलिए समाज को शिक्षा के प्रति जागरुक करने की सबसे पहली जरूरत है। उन्होंने समाज को अपना कर्तव्य मानकर सहयोग करने को लेकर भी जोर दिया। भागवत ने कहा कि बहुत जरूरी है कि सभी धर्मों के लिए कार्य करना। उन्होंने कहा कि शिक्षा इसलिए भी जरूरी है क्योंकि वो समाज को उन्नति की ओर और आगे ले जा जाती है। साथ ही उन्होंने गरीब तबके के छात्रों के शैक्षिक स्तर के लिए पुस्तकें, कोचिंग व शुल्क आदि में भी लोगों से सहयोग करने की अपील की।
उत्तर प्रदेश: RSS प्रमुख मोहन भागवत आज मथुरा में एक स्कूल के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 20, 2021
उन्होंने कहा, "शिक्षा समाप्त होने के बाद व्यक्ति के अंदर इतना आत्मविश्वास होना चाहिए कि वे अपने बलबूते खुद को और अपने परिवार को चलाते हुए समाज के प्रति अपने कर्तव्य को पूरा कर सके।" pic.twitter.com/bvNS6NqFdi
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इस दौरान यह भी कहा कि कहा कि शिक्षा समाप्त होने के बाद व्यक्ति के अंदर इतना आत्मविश्वास होना चाहिए। जोकि वह अपने बलबूते खुद को और अपने परिवार को चलाते हुए समाज के प्रति अपने कर्तव्य को पूरा कर सके। उन्होंने शिक्षा के साथ-साथ राष्ट्रीय प्रेम पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज आत्मनिर्भर भारत के लिए भी शिक्षा आवश्यकता है।