भाजपा सांसद हेमा मालिनी बोलीं- अयोध्या-काशी के बाद मथुरा में भी होना चाहिए भव्य मंदिर
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद हेमा मालिनी ने रविवार को उम्मीद जताई कि अयोध्या और काशी के बाद उनके संसदीय क्षेत्र मथुरा को भी भव्य मंदिर मिलेगा। इसके लिए उन्होंने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का हवाला दिया।

भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) की सांसद हेमा मालिनी (Hema Malini) ने रविवार को उम्मीद जताई कि अयोध्या और काशी के बाद उनके संसदीय क्षेत्र मथुरा (Mathura) को भी भव्य मंदिर मिलेगा। इसके लिए उन्होंने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का हवाला दिया। रविवार को इंदौर में मीडिया से बात करते हुए हेमा मालिनी ने कहा, "राम जन्मभूमि (Ram Janmabhoomi) और काशी के कायाकल्प के बाद स्वाभाविक रूप से मथुरा भी बहुत महत्वपूर्ण है।"
इंदौर में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि वह सोमवार को आमंत्रण पर काशी जा रही हैं। साथ ही कहा कि प्रेम और स्नेह के प्रतीक भगवान कृष्ण (Lord Krishna) की जन्मभूमि मथुरा से सांसद होने के नाते मैं कहूंगी कि भव्य मंदिर होना चाहिए। एक मंदिर पहले से ही है और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा विकसित काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तरह नया रूप दिया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन बहुत कठिन था। यह पीएम मोदी के विजन को दिखाता है। मथुरा में भी ऐसा ही होगा। गंगा तट से मंदिर के गर्भगृह तक बना काशी विश्वनाथ धाम का यह नया रूप 241 साल से दुनिया के सामने आ रहा है। इतिहासकारों के अनुसार श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पर वर्ष 1194 से 1669 तक कई बार आक्रमण हुए। मंदिर का जीर्णोद्धार 1777 और 1780 के बीच मराठा साम्राज्य की महारानी अहिल्याबाई होल्कर (Maharani Ahilyabai Holkar) द्वारा किया गया था।
250 साल बाद पीएम मोदी ने 8 मार्च 2019 को मंदिर के इस भव्य दरबार का शिलान्यास किया था। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ( Kashi Vishwanath Corridor) को 3 भागों में बांटा गया है। पहला मंदिर का मुख्य भाग है जो लाल बलुआ पत्थर से बना है। इसमें 4 बड़े गेट हैं। इसके चारों ओर परिक्रमा पथ बनाया गया है। उस परिक्रमा पथ पर संगमरमर के 22 शिलालेख लगे हैं, जिनमें काशी की महिमा का वर्णन है। कॉरिडोर में 24 इमारतें भी बन रही हैं। इन भवनों में मुख्य मंदिर परिसर, मंदिर चौक, मुमुक्षु भवन, तीन यात्री सुविधा केंद्र, चार शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, बहुउद्देशीय हॉल, सिटी म्यूजियम, वाराणसी गैलरी, जलपान केंद्र, गंगा व्यू कैफे आदि होंगे।

Shashank Shukla
मैं शशांक शुक्ल इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। मेरी अभिरुचि खेल, साहित्य और यात्राओं में अधिक है। मैं एक फ्रीलांस फोटोग्राफर हूं और हरिभूमि डिजिटल में बतौर स्पोर्ट्स एडिटर कार्यरत हूं।