यूपी के दो छात्रों ने बनाई 95% तक शुद्ध ऑक्सीजन देने वाली कंसंट्रेटर मशीन, कीमत इतनी कम कि हैरान रह जाएंगे आप
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक Tirupati College of Engineering and Polytechnic College Lucknow के छात्र आदर्श विक्रम और अम्बेश प्रताप सिंह ने अपने शिक्षकों के नेतृत्व में यह स्वदेशी कंसंट्रेटर (Indigenous Concentrator) मशीन बनाई है।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
देशभर में ऑक्सीजन क्राइसिस की खबरों के बीच उत्तर प्रदेश के दो छात्रों ने कमाल कर दिखाया है। इन छात्रों ने ऐसी स्वदेशी कंसंट्रेटर मशीन बनाई है, जो 95 प्रतिशत तक शुद्ध ऑक्सीजन देने में सक्षम है। छात्रों के साथ ही उनके प्रोफेसरों का भी दावा है कि अगर सरकार ने इस प्रोजेक्ट पर ध्यान दिया तो यह कोरोना महामारी से जूझ रहे गंभीर मरीजों के लिए भी बेहद कारगर मशीन साबित होगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लखनऊ मोहनलालगंज के तिरुपति कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग इलेक्ट्रिकल के छात्र आदर्श विक्रम और अम्बेश प्रताप सिंह ने यह स्वदेशी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन अपने प्रोजेक्ट गाइड व निदेशक आशुतोष शर्मा और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष राजेन्द्र दीक्षित के नेतृत्व में तैयार की है।
छात्रों ने बताया कि बाजार में मौजूद ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की क्षमता पांच लीटर प्रति मिनट की है। अगर इसे बढ़ाएंगे तो ऑक्सीजन की शुद्धता घट जाती है। उन्होंने दावा कि उनके बनाए कंसंट्रेटर में ऐसा नहीं है। उनके कंसंट्रेटर में दस लीटर प्रति मिनट का डिस्चार्ज है, जो गंभीर मामलों में भी बेहद कारगर है। क्षमता 5 से 6 प्रति लीटर रखने पर 90 से 97 तक शुद्ध ऑक्सीजन इस स्वदेशी कंसंट्रेटर मशीन से मिलेगी।
छात्रों ने बताया कि इस कंसंट्रेटर मशीन की क्षमता 10 लीटर प्रति मिनट रखने पर भी 80 से 90 तक शुद्ध आक्सीजन मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि इस कंसंट्रेटर को बनाने में 20 दिन का समय लगा है। करीब 40 हजार रुपये की लागत में यह कंसंट्रेटर मरीजों को उपलब्ध हो सकता है।
कॉलेज के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष राजेन्द्र दीक्षित का कहना है कि हमने अपने छात्रों के साथ मिलकर स्वदेशी कंसंट्रेटर बनाया है। हमारा प्रयास है कि इसे जल्द से जल्द बाजार में उतारें ताकि कोरोना प्रभावित गंभीर मरीजों की मदद की जा सके। उन्होंने बताया कि हम प्रशासन से बात कर रहे हैं, लेकिन हमें सरकार से भी सहयोग मिलता है तो लोगों की मदद करने का यह प्रयास तेजी से सार्थक हो सकेगा।
सरकार से मदद की उम्मीद
कॉलेज निदेशक आशुतोष शर्मा का कहना है कि इस स्वदेशी कंसंट्रेटर से बहुत सी जिंदगियों को बचाना संभव हो पाएगा। हम अपने स्तर पर प्रयास करेंगे तो काफी लंबा समय लगेगा। सरकार अगर इसमें रूचि दिखाए तो ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिलेगा। हम सरकार से अप्रोच करेंगे, लेकिन इसमें लंबा समय लग सकता है।