Chitrakoot: व्यापारी अपनी बीबी-बच्चों संग घर में 3 साल कैद रहा, वजह चौंकाने वाली
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के चित्रकूट (Chitrakoot) जिले में एक व्यापारी अपनी पत्नी और बच्चों के साथ 3 साल से घर में कैद रहा। रिश्तेदारों की सूचना पाकर चाइल्ड लाइन (Child Line) की टीम ने चित्रकूट पुलिस की मदद से सभी को घर से निकाला और बेहतर इलाज के लिए उन्हें प्रयागराज (Prayagraj) भेजा। व्यापारी ने जो वजह बताई है, उसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।

3 साल से बीवी-बच्चों संग घर में कैद व्यापारी को किया गया रेस्क्यू।
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के चित्रकूट (Chitrakoot) जिले में एक व्यापारी अपनी पत्नी और बच्चों के साथ 3 साल से घर में कैद रहा। रिश्तेदारों की सूचना पाकर चाइल्ड लाइन (Child Line) की टीम ने चित्रकूट पुलिस की मदद से सभी को घर से बाहर निकाला और बेहतर इलाज के लिए उन्हें प्रयागराज (Prayagraj) भेजा। जब व्यापारी से घर में कैद रहने की बात पूछी गई तो उसने चौंकाने वाली वजह बताई। आप भी यह वजह जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। इस वजह को बताने से पहले बताते हैं कि आखिर पूरा मामला है क्या...
यह घटना चित्रकूट जिले के कर्वी (Karvi) तहसील के तरौंहा कस्बे की है। चाइल्ड लाइन के कॉर्डिनेटर विशेष त्रिपाठी (Vishesh Tripathi) ने बातचीत में कहा कि उन्हें गुरुवार शाम 4 बजे सूचना मिली कि तरौंहा के दुर्गागंज मोहल्ले में एक परिवार 3 साल से एक घर में कैद है। परिवार के मुखिया काशी केशरवानी (48 साल) ने अपनी पत्नी पूनम (45 साल), बेटी अर्शिता (14 साल) और बेटे रजत (13 साल) को घर में कैद कर रखा था। वह उन्हें घर से एक पल के लिए भी बाहर नहीं निकलने देता था।
दरवाजे पर लगाता था ताला
चाइल्ड लाइन टीम की दीपा शुक्ला और श्यामानंद ने बताया कि जब वे यूपी पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे तो घर के अंदर से दरवाजे पर ताला लगा हुआ था। काफी मशक्कत के बाद उसे खुलवाया गया। जब ताला खुला तो कमरे के अंदर दंपति और बच्चे अंधेरे में मिले। उनकी तबीयत खराब थी। हालांकि काशी रोजमर्रा का सामान बाहर से खरीदकर लाता था, लेकिन बाहर कमरे पर ताला लगा देता था ताकि कोई भी बाहर नहीं निकल सके। यही नहीं, दीपा शुक्ला ने बताया कि उसने अपने पूरे परिवार को कैद क्यों कर रखा था।
कामना सिद्धि के लिए किया ये अपराध
चाइल्ड लाइन टीम ने बताया कि काशी के कमरे में तंत्र-मंत्र की सामग्री और गंदगी का ढेर मिला। दोनों बच्चों की हालत खराब थी और उनका शरीर पीला पड़ गया था। सभी को तुरंत जिला अस्पताल भिजवाया गया। पूछताछ के दौरान काशी केशरवानी ने बताया कि जब से वो नए मकान में शिफ्ट हुआ था, उसके नमकीन के व्यापार में घाटा हो रहा था। इससे उबरने के लिए वो घर में पूजा-पाठ कर रहा था। ये सब उसने किसी तांत्रिक की सलाह पर नहीं, बल्कि स्वयं कामना सिद्धी के लिए कर रहा था। हालांकि चाइल्ड लाइन टीम का कहना है कि वो किसी तांत्रिक के संपर्क में था।
दोस्तों और रिश्तेदारों को भी भनक नहीं
काशी केशरवानी ने इस दौरान अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों से दूरी बना ली थी। घर के अंदर सूर्य का प्रकाश (Sun light) और हवा (Wind) न पहुंचे, इसके लिए उसने घर की खिड़कियों और रोशनदानों को ईंट से बंद कर मिट्टी की लेप लगा दी थी। 2-4 दिन के अंदर वो घर से जब निकलता था तो बाहर से ताला लगाकर जाता था। बाजार से खाने-पीने की चीजें लाकर फिर से घर में कैद हो जाता था। इस दौरान वो मोहल्ले वालों की नजरों से बचने की कोशिश करता था और घर के अंदर चल रहे क्रिया-कलापों की भनक किसी को नहीं लगने देता था। काशी का परिवार लंबे समय से कैद है, इस बात की जानकारी मोहल्ले वालों को थी। उन्होंने पास में रहने वाले परिवार के अन्य सदस्यों को ये बात बताई। इस तरह ये बात काशी के रिश्तेदारों तक पहुंची तो बच्चों के मामा, मौसी और मौसा मौके पर पहुंचे। इन्होंने काफी देर तक दरवाजा खटखटाया, पर वो नहीं खुला। इसके बाद इन्होंने काशी के भतीजे दीपक को वहां बुलाया और उसके माध्यम से चाइल्ड लाइन को सूचना दी। इसके बाद पहुंची टीम ने किसी तरह दरवाजा खुलवाकर पूरे परिवार को बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया।
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चाइल्ड लाइन टीम के माध्यम से पता चला कि चारों लोगों ने काफी समय से नहाया नहीं था, जिसके कारण उनके शरीर से दुर्गंध आ रही थी। बच्चे और उनकी मां काफी बीमार है। उनकी मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं लग रही है। सूर्य की किरण और हवा नहीं मिलने से इनका शरीर पीला पड़ चुका है और ये बेहद कमजोर हो चुके हैं। पुलिस (Police) ने बेहतर इलाज के लिए चारों को प्रयागराज भेजा है और इन्हें तंत्र-मंत्र में फंसाने वाले तांत्रिक की तलाश कर रही है।
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Vijay Kumar
विजय कुमार गुप्ता जी ने 2013 में अपने करियर की शुरुआत टेलिकॉम सेक्टर से की। बैंकिंग, इंश्योरेंस और रियल एस्टेट में काम करने के बाद उन्होंने 2016 में पत्रकारिता के जगत में कदम रखा। उन्होंने मेरठ की एक मैग्जीन और दिल्ली के एक साप्ताहिक अखबार में काम किया। पत्रकारिता के दौरान अपनी पढ़ाई भी पूरी की। इसके बाद राजस्थान पत्रिका में इंटर्नशिप की और इंटर्नशिप पूरी करने के बाद ईटीवी भारत, हैदराबाद में कंटेंट एडिटर के तौर पर दो साल तक कार्य किया। वर्तमान में वे बतौर सीनियर कंटेंट क्रियेटर पद पर कार्यरत हैं। उन्हें घूमना और लोगों की गप्पे सुनना बेहद पसंद है।