बसपा प्रमुख मायावती ने जनसंख्या नियंत्रण कानून की टाइमिंग पर उठाया सवाल, योगी सरकार पर लगाया बड़ा आरोप
लखनऊ में अलकायदा के दो संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी पर सवाल उठाने के बाद अब बसपा प्रमुख ने यूपी में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने के उद्देश्य पर भी संदेह जाहिर किया है। उन्होंने योगी सरकार पर बड़ा आरोप लगाकर निशाना साधा है।

बसपा प्रमुख मायावती ने यूपी में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की टाइमिंग को लेकर उठाए सवाल।
बहुजन समाजवादी पार्टी की प्रमुख मायावती जहां पहले अच्छे निर्णयों और कार्यों के लिए केंद्र और राज्य सरकार की तारीफ करती दिखाई देती थीं, वहीं अब वो प्रत्येक मुद्दे पर राज्य सरकार का घेराव कर रही हैं। लखनऊ में अलकायदा के दो संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी पर सवाल उठाने के बाद अब बसपा प्रमुख ने यूपी में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने के उद्देश्य पर भी संदेह जाहिर किया है। उन्होंने योगी सरकार पर बड़ा आरोप लगाकर निशाना साधा है।
बसपा प्रमुख मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा, 'यूपी भाजपा सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण हेतु लाया जा रहा नया बिल, इसके गुण-दोष से अधिक इस राष्ट्रीय चिन्ता के प्रति गंभीरता व इसकी टाइमिंग को लेकर सरकार की नीति व नीयत दोनों पर शक व सवाल खड़े कर रहा है, क्योंकि लोगों को इसमें गंभीरता कम व चुनावी स्वार्थ ज्यादा लग रहा है।'
1. यूपी भाजपा सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण हेतु लाया जा रहा नया बिल, इसके गुण-दोष से अधिक इस राष्ट्रीय चिन्ता के प्रति गंभीरता व इसकी टाइमिंग को लेकर सरकार की नीति व नीयत दोनों पर शक व सवाल खड़े कर रहा है, क्योंकि लोगों को इसमें गंभीरता कम व चुनावी स्वार्थ ज्यादा लग रहा है।
— Mayawati (@Mayawati) July 13, 2021
उन्होंने आगे लिखा, 'अगर जनसंख्या नियंत्रण को लेकर यूपी भाजपा सरकार थोड़ी भी गंभीर होती तो यह काम सरकार को तब ही शुरू कर देना चाहिये था, जब इनकी सरकार बनी थी और फिर इस बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करती तो अब यहां विधानसभा चुनाव के समय तक इसके नतीजे भी मिल सकते थे।'
बसपा प्रमुख ने अपने ट्वीट में आरोप लगाते हुए लिखा, ' यूपी व देश की जनसंख्या को जागरूक, शिक्षित व रोजगार-युक्त बनाकर उसे देश की शक्ति व सम्मान में बदलने में विफलता के कारण भाजपा अब कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार की तरह ही जोर-जबरदस्ती व अधिकतर परिवारों को दण्डित करके जनसंख्या पर नियंत्रण करना चाहती है, जो जनता की नजर में घोर अनुचित है।'