आजम खान बोले- जेल में गुजरा वक्त भूला नहीं सकता, मेरे अपनों ने भी किया जुल्म
सीतापुर जेल से बाहर निकलने के बाद आजम खान ने मीडिया के समक्ष बात नहीं की, लेकिन रामपुर में अपने आवास पर पहुंचने के बाद उन्होंने आपबीती सुनाई। सपा विधायक ने किसी का नाम लिए बिना अपनों पर भी निशाना साधा। कहा कि 40 साल का मेरा सफर बर्बाद नहीं जाएगा। मेरा वक्त लौटकर आएगा।

सपा विधायक आजम खान रामपुर में अपने आवास पर पहुंचने के बाद मीडिया से बात करते हुए।
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के विधायक आजम खान (Azam Khan) रामपुर में अपने आवास पर पहुंच गए हैं। उनसे मिलने के लिए उनके रिश्तेदार और प्रशसंक पहुंच रहे हैं। सीतापुर जेल (Sitapur Jail) से बाहर निकलने पर आजम खान ने मीडिया से बात नहीं थी, लेकिन रामपुर पहुंचने के बाद उन्होंने आपबीती सुनाई। आजम खान ने कहा कि मेरे परिवार, मेरे शहर को बर्बाद कर दिया गया है, लेकिन मेरा वक्त लौटकर आएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सपा विधायक आजम खान ने कहा कि जेल में मुझे सजायाफ्ता कैदी की तरह रखा गया। वहां भी रात और सुबह होती थी। रात को सुबह का इंतजार रहता था और रात को सुबह होने का इंतजार रहता था। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि सबसे ज्यादा जुल्म तो अपनों ने किया है। मेरे परिवार और मेरे शहर को बर्बाद कर दिया है। मेरा 40 साल का सफर बेकार नहीं जाएगा। मेरा वक्त लौटकर आएगा।
इससे पूर्व आजम खान के काफिले को शहजादनगर थाना क्षेत्र में पुलिस की ओर से रोका गया। पुलिस ने स्कूलों की छुट्टी और जुमे की नमाज के कारण काफिले की गाड़ियों को रोक दिया। इस पर आजम खान के समर्थकों और पुलिस के बीच नोकझोंक हुई। करीब 15 से 20 मिनट बाद करीब दस गाड़ियों को शहर के भीतर जाने दिया गया, जबकि बीस से अधिक गाड़ियों को बाईपास से निकाला गया।
ओपी राजभर बोले- सांच को आंच नहीं आएगी
सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर ने भी आजम खान की रिहाई का स्वागत किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'सत्यमेव जयते। वरिष्ठ नेता एवं विधायक समाजवादी पार्टी आजम खान जी को माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा न्याय मिला, रिहाई पर उनका हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन है।' उन्होंने आगे लिखा, 'आशा नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि अन्य बदले की भावना से प्रताड़ित करने के लिए लगाए गए झूठे मामलों में भी माननीय न्यायालय द्वारा न्याय मिलेगा, सभी से मुक्ति मिलेगी।। बाबा साहेब अमर रहें। जब तक देश व न्यायिक प्रक्रिया संविधान के दायरे में रहेगी, तब तक किसी भी सांच को आंच नही आएगी।'