आगरा के अस्पताल ने ऑक्सीजन क्राइसिस से उपजने वाले हालात जानने के लिए की पांच मिनट की मॉकड्रिल, अब तक सात मौतों की पुष्टि
इस संबंध में वायरल ऑडियो के आधार पर दावा किया जा रहा है कि संबंधित अस्पताल के पांच मिनट के मॉकड्रिल में 22 लोगों की जान चली गई। वायरल ऑडियो का संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। वहीं अस्पताल मालिक का पक्ष भी सामने आया है।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
आगरा में ऑक्सीजन क्राइसिस होने पर उत्पन्न होने वाले हालात जानने के लिए एक प्राइवेट हॉस्पिटल द्वारा किया गया कथित मॉकड्रिल कई जिंदगियों पर भारी पड़ गया। मॉकड्रिल के संबंध में हो रही बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन ने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं। जिला प्रशासन ने सात मरीजों की मौत की पुष्टि भी कर दी है। जबकि बाकी की मौतों की वजह जानने के लिए जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इस बीच अस्पताल के उस डॉक्टर का भी पक्ष सामने आया है, जिसकी आवाज वायरल वीडियो में बताई जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आगरा के इस निजी अस्पताल में यह जानने के लिए मॉकड्रिल की गई कि अगर ऑक्सीजन क्राइसिस होती है तो ऐसा क्या किया जाए, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों को बचाया जा सके। वायरल वीडियो में एक शख्स (कथित अस्पताल मालिक) यह कहते हुए सुनाई दे रहा है कि ऑक्सीजन की किल्लत के कारण मोदीनगर से सप्लाई मंगवाई जा रही थी। मरीजों के परिजनों को बताया गया कि ऑक्सीजन की कमी है, इसलिए अपने मरीज को डिस्चार्ज कराकर किसी और अस्पताल में ले जाएं, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
उसने अपने अस्पताल में ऑक्सीजन पांच मिनट के लिए बंद कर एक मॉक ड्रिल किया था। इस ड्रिल के बाद ऐसे 22 मरीजों की पहचान की गई, जिनकी ऑक्सीजन की कमी से मौत हो सकती थी। हालांकि संचालक किसी मरीज के मौत की बात नहीं कर रहा है, लेकिन वायरल वीडियो में दावा किया जा रहा है कि पांच मिनट की इस मोकड्रिल में 22 मरीजों की जान चली गई।
डीएम ने दिए जांच के आदेश
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आगरा के डीएम प्रभु नारायण सिंह ने ऑक्सीजन की कमी से सात मरीजों की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि 26 और 27 अप्रैल को ऑक्सीजन की कथित कमी के चलते सात मरीजों की निजी अस्पताल में मौत हुई है। इस अस्पताल में भर्ती 22 मरीजों की हालत गंभीर थी। वायरल वीडियो के आधार पर हम इस मामले की पूरी जांच कर रहे हैं।
Agra: Seven patients including COVID infected died in a private hospital due to alleged oxygen shortage on April 26&27
— ANI UP (@ANINewsUP) June 8, 2021
There were 22 critical patients admitted in the hospital but have no details of their death. We'll look into the video surfaced about their death:Agra DM(07.06) pic.twitter.com/9shp2OYFWr
अस्पताल मालिक कई सवालों का नहीं दे पाए जवाब
एक टीवी चैनल में संबंधित चिकित्सक का पक्ष भी सामने आया है। उनका कहना है कि यह 26 अप्रैल के दिन ऑक्सीजन क्राइसिस के चलते यह जानने का प्रयास किया गया था कि अगर ऑक्सीजन का इंतजाम नहीं होता तो ऐसे कौन से मरीज हैं, जिनकी स्थिति गंभीर हो सकती है।
उन्होंने कहा कि किसी मरीज की ऑक्सीजन बंद नहीं की गई, सिर्फ ऑक्सीजन के फ्लो मीटर से चेक किया गया कि किस मरीज को कितनी ऑक्सीजन की जरूरत है। इसके लिए मरीजों की अलग-अलग कैटेगरी बनाई गई थी। उन्होंने इनकार किया कि मॉकड्रिल के दौरान किसी की भी जान नहीं गई। हालांकि कई ऐसे प्रश्न थे, जिनका जवाब वो नहीं दे पाए।