पंजाब जहरीली शराब मामला : अब तक 104 लोगों की मौत, विपक्ष ने मुख्यमंत्री से मांगा इस्तीफा
पंजाब में जहरीली शराब पीने से हुए हादसे में अब तक 104 लोगों की मौत हो गई है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने ट्वीट किया है कि त्रासदी में मरने वालों की संख्या 104 हो गई है।

चंडीगढ़। पंजाब में जहरीली शराब पीने से हुए हादसे में अब तक 104 लोगों की मौत हो गई है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने ट्वीट किया है कि त्रासदी में मरने वालों की संख्या 104 हो गई है। तरनतारन में 80 लोगों की मौत हुई है जबकि गुरदासपुर के बटाला और अमृतसर में 12-12 लोगों की जान जहरीली शराब पीने से गई है। पंजाब के इन तीन जिलों में बुधवार की शाम से शुरू हुई त्रासदी में शनिवार रात तक 86 लोगों की मौत होने की सूचना थी। आज दिन में तरनतारन के उपायुक्त कुलवंत सिंह ने कहा था कि क्षेत्र से मिली जानकारी के आधार पर प्रशासन मृतकों की संख्या बता रहा है क्योंकि कुछ मृतकों का अंतिम संस्कार उनके परिजनों द्वारा कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि कुछ लोगों ने तो इसकी शिकायत भी नहीं की है कि उनके परिवार के सदस्य की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है।
मामले पर गरमाई राजनीति
इस बीच पंजाब में विपक्ष ने इस त्रासदी को लेकर राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। शिरोमणि अकाली दल ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का इस्तीफा मांगा है और राज्य में कांग्रेस नेताओं पर अवैध शराब के धंधे को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस बीच, विपक्षी दल आम आदमी पार्टी ने पटियाला, बरनाला, पठानकोट और मोगा समेत कुछ स्थानों पर पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किये। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर 'लापरवाही' का आरोप लगाया जिसकी वजह से लोगों की मौत हुई, जिनमें से अधिकतर गरीब परिवारों के थे। अकाली दल ने इस घटना में राज्य सरकार द्वारा मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश को खारिज करते हुए सीबीआई से या उच्च न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की। अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि इस घटना की जांच सीबीआई से या उच्च न्यायालय के किन्हीं वर्तमान न्यायाधीश से कराई जानी चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा जांच के आदेश को महज छलावा करार दिया। आम आदमी पार्टी के सांसदभगवंत मान ने तरनतारन जाकर मृतकों के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की। पंजाब सरकार पहले ही इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे चुकी है। हालांकि शिअद ने इस जांच को सिरे से खारिज किया है। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को छह आबकारी और सात पुलिस अधिकारियों को निलंबित किये जाने की घोषणा की थी। उन्होंने पुलिस और आबकारी विभाग के जहरीली शराब के उत्पादन और बिक्री पर रोक नहीं लगा पाने को 'शर्मनाक' करार दिया था। राज्य सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिजन को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा देने का भी ऐलान किया है।