पंजाब के किसान संघों के 'रेल रोको' आंदोलन में दिखाई नरमी, मालगाड़ियों को चलने देने का निर्णय
पंजाब में किसान संघों ने तीन सप्ताह लंबे अपने ‘रेल रोको' आंदोलन में नरमी लाते हुए राज्य में मालगाड़ियों को चलने देने की बुधवार को घोषणा की। जिसके बाद पंजाब में सरकारी और प्राइवेट थर्मल प्लांटों में कोयला लाने के लिए तैयारियां पूरी हो गई हैं जिससे आज शाम से थर्मलों के लिए कोयला पहुंचना शुरू हो जाएगा।

पंजाब किसान
पंजाब में किसान संघों ने तीन सप्ताह लंबे अपने 'रेल रोको' आंदोलन में नरमी लाते हुए राज्य में मालगाड़ियों को चलने देने की बुधवार को घोषणा की। जिसके बाद पंजाब में सरकारी और प्राइवेट थर्मल प्लांटों में कोयला लाने के लिए तैयारियां पूरी हो गई हैं जिससे आज शाम से थर्मलों के लिए कोयला पहुंचना शुरू हो जाएगा।
किसान नेता सतनाम सिंह ने कहा कि यह निर्णय कोयले और डायमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) उर्वरक की कमी को ध्यान में रखते हुए किया गया। उन्होंने यहां कहा कि हमने आज से पांच नवम्बर तक केवल मालगाड़ियों को चलने देने का निर्णय किया है। यह घोषणा यहां विभिन्न किसान संगठनों की एक बैठक के बाद आयी।
अमरिंदर सिंह ने घोषणा का किया स्वागत
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस घोषणा का स्वागत किया और कहा कि यह राज्य की अर्थव्यवस्था और उसकी बहाली के हित में है। उन्होंने कहा कि किसानों ने इस कदम से पंजाब के लोगों के प्रति प्रेम और चिंता दिखायी है क्योंकि इससे राज्य को कोयले की आपूर्ति मिल सकेगी जिसकी उसे जरूरत थी। मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि पंजाब के लोग नाकेबंदी के चलते कोयले की कमी की वजह से बिजली संकट की स्थिति का सामना कर रहे थे।
प्रदर्शनकारी किसान संघों का निर्णय उनके लिए एक बड़ी राहत के तौर पर आया है। प्रदर्शनकारी किसानों ने हालांकि कहा कि वे राज्य में कुछ कॉरपोरेट, टोल प्लाजा और भाजपा नेताओं के आवासों के बाहर धरना जारी रखेंगे। भारतीय किसान यूनियन (दाकुन्डा) के महासचिव जगमोहन सिंह ने कहा कि आगामी कदम की घोषणा चार नवंबर को होने वाली बैठक में की जाएगी।
पंजाब सरकार राज्य में ताप विद्युत संयंत्रों के लिए कोयले की भारी कमी के मद्देनजर प्रदर्शनकारी किसानों से अपने रेल रोको आंदोलन को नरम करने का आग्रह कर रही थी। कई औद्योगिक संगठनों ने भी आंदोलन के कारण अपना कच्चा माल नहीं मिलने की शिकायत की थी।