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पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बाजवा की दलील को खारिज किया, बाेले- भ्रष्टाचार तो भष्टाचार ही होता है

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को प्रताप सिंह बाजवा की इस दलील को खारिज किया कि कथित छात्रवृत्ति घोटाले और कोलतार घोटाले में कोई तुलना नहीं है। कोलतार घोटाले में 15 साल पहले कांग्रेस सांसद बाजवा का नाम आया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचार होता है, चाहे किसी भी रूप में हो।

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बाजवा की दलील को खारिज किया, बाेले- भ्रष्टाचार तो भष्टाचार ही होता है
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अमरिंदर सिंह

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को प्रताप सिंह बाजवा की इस दलील को खारिज किया कि कथित छात्रवृत्ति घोटाले और कोलतार घोटाले में कोई तुलना नहीं है। कोलतार घोटाले में 15 साल पहले कांग्रेस सांसद बाजवा का नाम आया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि "भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचार होता है, चाहे किसी भी रूप में हो।"

राज्यसभा सदस्य बाजवा ने रविवार को दावा किया था कि मैट्रिक पश्चात छात्रवृत्ति के संबंध में कई करोड़ रुपये के कथित घोटाले और कोलतार घोटाले में कोई तुलना नहीं है। वर्ष 2002-2007 के दौरान बाजवा पीडब्ल्यूडी मंत्री थे और उनपर कई करोड़ रुपये के कोलतार खरीदने में अनियमितता का आरोप लगा था।

कैप्टन ने कहा कि पंजाब सरकार के रूल्ज ऑफ बिजनेस, 1992 के अनुसार जिन मामलों में मंत्री और सचिव के बीच विचारों की सहमति न हो, वह मामले आदेश जारी होने से पहले मुख्य सचिव के द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष रखे जाते हैं। कैप्टन ने कहा, एक मंत्री रह चुके होने के नाते बाजवा को यह पता होना चाहिए था कि मौजूदा मामले के हालात देखते हुए कार्यवाही आगे ले जाने का यही एक रास्ता है। इसी कारण उन्होंने इसकी गहराई से जांच-पड़ताल के लिए कहा है।

उन्होंने राज्य सभा सदस्‍य शमशेर सिंह दूलो के बयान की भी कड़ी निंदा की है। बाजवा और दूलो पर लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियां जारी रखने पर उन्होंने कहा कि दोनों संसद सदस्यों द्वारा अपनी ही सरकार पर दिखाया जा रहा अविश्वास उनकी बुरी नीयत को दर्शाता है।

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