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कैप्टन अमरिंदर ने दी राहत- किसानों से नि:शुल्क बिजली की सुविधा वापस नहीं लेगी सरकार

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों को एक बड़ी राहत देने का ऐलान किया है। यहां मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार प्रदेश के किसानों को दी जा रही मुफ्त बिजली की सुविधा वापस नहीं लेगी और वह जब तक यहां हैं तब तक यह सुविधा जारी रहेगी। इससे कुछ ही घंटे पहले आ​र्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिये गठित समिति ने नि:शुल्क बिजली व्यवस्था को वापस लेने वाला बताया था।

कैप्टन अमरिंदर ने दी राहत- किसानों से नि:शुल्क बिजली की सुविधा वापस नहीं लेगी सरकार
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पंजाब में किसानाें को मुफ्त बिजली

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों को एक बड़ी राहत देने का ऐलान किया है। यहां मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार प्रदेश के किसानों को दी जा रही मुफ्त बिजली की सुविधा वापस नहीं लेगी और वह जब तक यहां हैं तब तक यह सुविधा जारी रहेगी। इससे कुछ ही घंटे पहले आ​र्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिये गठित समिति ने नि:शुल्क बिजली व्यवस्था को वापस लेने वाला बताया था।

इससे पहले शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने किसानों को दी जा रही मुफ्त बिजली वापस लिये जाने के खिलाफ पंजाब सरकार को चेतावनी देते हुये कहा कि अगर ऐसा किया जाता है तो सरकार को उनकी पार्टी के विरोध का सामना करना होगा । मुख्यमंत्री ने इस बारे में बयान जारी कर कहा कि किसानों को मिल रही नि:शुल्क बिजली की सुविधा को वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं उठता है और जब तक सरकार का नेतृत्व वह कर रहे हैं तब तक यह व्यवस्था जारी रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रारंभिक रिपोर्ट है और उनकी सरकार किसानों को मिल रही मुफ्त बिजली वापस लिये जाने संबंधी किसी सिफारिश पर विचार नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि जब तक मैं यहां हूं, ट्यूबवेल के लिये मुफ्त बिजली की सुविधा जारी रहेगी।

विशेषज्ञों की एक समिति की गठित

पंजाब सरकार ने विशेषज्ञों की एक समिति गठित की है जिसने कोरोना वायरस के बाद की अवधि में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिये कुछ सख्त उपायों की सिफारिश की है। विशेषज्ञों के इस समूह में पूर्ववर्ती योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया हैं। इस समूह ने अपनी पहली रिपोर्ट में कहा है कि कि मुफ्त बिजली ने पंजाब के विकास के लिए आवश्यक अन्य खर्चे की सरकार की क्षमता को सीमित कर दिया है। कैप्टन ने कहा मोंटेक ने खुद उनके साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान स्पष्ट किया कि विशेषज्ञ समूह की रिपोर्ट किसान विरोधी नहीं है। मुख्यमंत्री ने अधिक रोजगार पैदा करने की क्षमता के साथ उद्योगों को बढ़ावा देने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया क्योंकि कोई भी आधुनिक अर्थव्यवस्था केवल कृषि पर आधारित नहीं हो सकती।

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