हिमाचल में पर्यटकों के लिए जरूरी नहीं होगी कोविड रिपोर्ट, प्रदेश के मुखिया ने दिये ये आदेश
पर्यटन उद्योग का ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि यह क्षेत्र पिछले साल की तरह कोरोना वायरस से प्रभावित नहीं हो।

प्रतीकात्मक तस्वीर
अगर आप हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं या फिर वहां घुमने जाना चाहते हैं तो आप को कोई रोक टोक नहीं करेगा। इतना ही नहीं कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट भी नहीं मांगी जाएगी। क्योंकि प्रदेश के मुखिया यानी मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने साफ कर दिया है कि प्रदेश में आने वाले किसी भी पर्यटक को कोरोना रिपोर्ट के नाम पर परेशान नहीं किया जाये। इसकी वजह पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश की सीमा में प्रवेश करने से पहले कोरोना रिपोर्ट को जरूरी कर दिया था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब सीएम ने कहा कि पर्यटकों के आगमन पर उनकी निगरानी करने के लिए अलग व्यवस्था तैयार की गई है।
इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपने पर्यटन उद्योग का ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि यह क्षेत्र पिछले साल की तरह कोरोना वायरस से प्रभावित नहीं हो। उद्योग के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गयी है और इस पर निगरानी करने के लिए व्यवस्था तैयार की गई है। राज्य की सीमाओं पर कोरोना की रिपोर्ट के लिए पर्यटकों और अन्य आगंतुकों को परेशान नहीं किया जाएगा। इसकी वजह यहां पर पर्यटकों को असुविधा होना है। सीएम ने कहा कि चूंकि ज्यादातर पर्यटक होटलों में ठहरते हैं। इसलिए प्रशासन ने सात राज्यों से आने वाले लोगों पर उसी स्थान पर निगरानी के लिए व्यवस्था तैयार की है, जहां पर वे ठहरेंगे।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने संक्रमण से ज्यादा प्रभावित सात राज्यों से लोगों को संक्रमण नहीं होने की रिपोर्ट दिखाना रविवार को अनिवार्य कर दिया था। ठाकुर ने कहा था कि पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से आने वाले लोगों को 16 अप्रैल से हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करने पर अधिकतम 72 घंटे पहले तक की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट दिखानी होगी जिसमें संक्रमण नहीं होने की पुष्टि की गई हो। मुख्यमंत्री एक दिन के दौरे पर शिमला से धर्मशाला आए हैं। वह कांगड़ा और आसपास के क्षेत्रों में कोरोना वायरस की स्थिति की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे।