वर्दी की दादागिरी: पुलिस ने 25 मजदूरों को बीच सड़क पर बनाया मुर्गा, एएसआई सहित तीन पुलिस कर्मी लाइन हाजिर
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की राजधानी शिमला (Shimla) में कानून की रखवाली पुलिस ने एक ठेकेदार के कहने पर बेबस मजदूरों को सड़क (Road) पर मुर्गा बना दिया। इससे पहले डंडे मारकर खदेड़ी गई लेबर को पुलिसिया रौब दिखाया गया।

वर्दी की दादागिरी: पुलिस ने 25 मजदूरों को बीच सड़क पर बनाया मुर्गा
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की राजधानी शिमला (Shimla) में कानून की रखवाली पुलिस ने एक ठेकेदार के कहने पर बेबस मजदूरों को सड़क (Road) पर मुर्गा बना दिया। इससे पहले डंडे मारकर खदेड़ी गई लेबर को पुलिसिया रौब दिखाया गया। उसके बाद मुर्गा बनाकर डंडे बरसाए गए। इसकी सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे पत्रकारों ने इस शर्मसार करने वाले इस कृत्य का लाइव प्रसारण किया। पुलिस (Police) ने इस कारनामे से कानून तथा मानवता दोनों को ही लज्जित कर दिया। मौखिक शिकायत सिर्फ एक मोबाइल चोरी की थी। ठेकेदार ने छोटा शिमला थाना में अपना प्रभाव दिखाकर बिना एफआईआर के पूछताछ को कह डाला।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके बाद शिमला थाना के एएसआई अपनी टीम को लेकर मजदूरों को लाठियां भांजने निकल पड़े। केएनएच के समीप चल रहे सड़क के काम के स्पॉट पर पुलिस टीम पहुंच गई। कोविड शर्तों के दिशा-निर्देशों के चलते स्पॉट स्थल पर रह रहे मजदूरों पर लाठिया भांजने का भी आरोप है। इतना ही नहीं 25 मजदूरों को भट्टाकुफर से ट्रक में भरकर इसी जगह बुलाया गया।
पुलिस की दादागिरी यहीं नहीं रुकी, बल्कि इसके बाद सबको लाइन में खड़ा करने के बाद मुर्गा बना दिया गया। पुलिस ने कानून को अपने हाथ में लेने के अलावा कोविड के नियमों की भी जमकर धज्जियां उड़ाई। समूची लेबर को एक साथ सटाकर खड़ा करने वाली पुलिस जगह-जगह सोशल डिस्टेंसिंग का ज्ञान बांटती है।
आपको बता दें कि एक मोबाइल की खातिर पुलिस ने 25 मजदूरों पर अत्याचार किया। कानूनविदों का कहना है कि नियमों के अनुसार पुलिस को पहले एफआईआर दर्ज करनी चाहिए थी। इसके बाद संदेह के आधार पर तलाशी लेते। जरूरत पड़ने पर पूछताछ के लिए मजदूरों को बारी-बारी थाने बुलाया जा सकता था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ पुलिस ने मजदूरों के साथ नियम कानूनों को तोड़कर तानाशाही का रवैया अपनाया।
एसपी शिमला (SP Shimla) मोहित चावला ने बताया कि एएसआई (ASI) सहित तीन पुलिस जवानों को लाइन हाजिर कर दिया गया है। मामले में जांच का जिम्मा डीएसपी सिटी मंगतराम को सौंपा गया है। शिमला पुलिस दिन-रात कोविड से निपटने के लिए काम कर रही है। छोटा शिमला पुलिस थाने के एएसआई और दो कांस्टेबलों के व्यवहार का दाग समूची पुलिस पर नहीं लगने दूंगा। इसके चलते मामले में और बड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।