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हिमाचल में अभी नहीं चलेंगी प्राइवेट बसें, जानें क्या है इसके पीछे की वजह

हिमाचल प्रदेश (Himachal pradesh) में प्राइवेट बसें (Private Bus) अभी नहीं चलेंगी। प्रदेश के प्राइवेट बस ऑपरेटर्स ने आगामी दिनों के दौरान भी हड़ताल (Strike) जारी रखने का निर्णय लिया है।

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बस  (प्रतीकात्मक फोटो)

हिमाचल प्रदेश (Himachal pradesh) में प्राइवेट बसें (Private Bus) अभी नहीं चलेंगी। प्रदेश के प्राइवेट बस ऑपरेटर्स ने आगामी दिनों के दौरान भी हड़ताल (Strike) जारी रखने का निर्णय लिया है। रविवार को आयोजित बैठक (Meeting) में सर्वसहमति से हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया गया। ऐसे में जनता को आवाजाही के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। रविवार को प्राइवेट बस ऑपरेटर यूनियन के प्रधान राजेश पराशर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया कि जब तक सरकार द्वारा बस ऑपरेटर्स की मांगें पूर्ण रूप से नहीं मानी जाएंगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगी और भविष्य में इसे और भी उग्र कर दिया जाएगा।

इस बैठक में सिरमौर निजी बस ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष मामराज शर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई, जो सरकार के साथ समन्वय बनाएगी। कमेटी में मामराज शर्मा अध्यक्ष, पवन ठाकुर ऊना, मनोज राणा नालागढ़, सुनीता कपलेश सोलन, रमेश कमल शिमला, अमित चड्ढा शिमला, जिला मंडी के प्रधान सुरेश ठाकुर, प्रताप ठाकुर सोलन, मनीश शर्मा रामपुर, रमन गैतम बिलासपुर को शामिल किया गया है।

इसके अतिरिक्त इस कमेटी में अध्यक्ष की अनुमति से विस्तार भी किया जा सकता है। प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर ने कहा कि बैठक में सभी जिला की यूनियन के प्रधानों ने एकमत से यह प्रस्ताव पारित किया है कि जब तक सरकार द्वारा निजी बस ऑपरेटर की मांगों को पूर्ण रूप से नहीं माना जाएगा, तब तक निजी बस ऑपरेटर हड़ताल पर रहेंगे। हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रदेश महासचिव रमेश कमल ने कहा कि निजी बस ऑपरेटर की राय थी कि सरकार द्वारा कोई भी ऐसा फैसला बस ऑपरेटर की हित में नहीं लिया, जिससे बस ऑपरेटर को लाभ मिल सके।

गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर तीन मई से अभी तक अनिश्चित कालीन हड़ताल पर हैं और बसें न चलने से भी हिमाचल प्रदेश सरकार को एक दिन में ही करोड़ों रुपए का नुकसान होता है, क्योंकि प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर प्रत्यक्ष रुप से एसआरटी एवं टोकन टैक्स तो सरकार को देते ही है। इसके अतिरिक्त डीजल, स्पेयर पाट्र्स, लुब्रिकेंट्स, टायर, रबड़ तथा अन्य चीजों पर भी अप्रत्यक्ष रूप से कई तरह के टैक्स अदा करते हैं।

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