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कोरोना से महिला की मौत, मृत शरीर से गायब हुए गहने, अस्पताल प्रशासन में मचा हड़कंप

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के कांगड़ा जिले (Kangra District) से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां कोरोना संक्रमण की वजह से एक महिला की मौत हो गई। वहीं परिजनों ने मृत महिला के गहने चुराने का आरोप लगाया है।

कोरोना से महिला की मौत, मृत शरीर से गायब हुए गहने, अस्पताल प्रशासन में मचा हड़कंप
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प्रतीकात्मक तस्वीर

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के कांगड़ा जिले (Kangra District) से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां कोरोना संक्रमण की वजह से एक महिला की मौत हो गई। वहीं परिजनों ने मृत महिला के गहने चुराने का आरोप लगाया है। परिजनों का आरोप है कि लगभग डेढ़ लाख रुपये के वे गहने नहीं मिल पाए जो उन्होंने अस्पताल (Hospital) में भर्ती होते समय पहने थे। पालमपुर की पाहड़ा पंचायत के एक शख्स ने कांगड़ा के डीसी (DC) से ऑनलाइन शिकायत दी है और शिकायत को डीसी ऑफिस ने सीएमओ को भेजकर जवाब मांगा गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाहड़ा पंचायत के तप्पा में रहने वाले बलवंत की शिकायत है कि उनकी 60 साल की माता चम्पा देवी 14 मई को पालमपुर अस्पताल (Palampur Hospital) में भर्ती थीं। कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर उन्हें 15 मई को कोविड केयर सेंटर पपरोला में भर्ती करवाया गया, मगर वहां उसी रात उन्होंने दम तोड़ दिया।

बलवंत ने शिकायत में लिखा है कि 16 मई को सूचना मिलने पर वे पपरोला पहुंचे और फिर पंचायत प्रधान की मौजूदगी में उनकी मां का अंतिम संस्कार किया गया। बलवंत का कहना है कि जब उनकी मां को अस्पताल में एडमिट किया था, तब उनके हाथ में तीन सोने की अंगूठियां, कानों में बालियां और मंगलसूत्र था। उनका कहना है कि इन गहनों की कीमत लगभग डेढ़ लाख रुपये है।

वहीं बेटा बलवंत ने आशंका जताई है कि इन गहनों को उनकी मां के शरीर से गायब कर दिया गया था। उन्होंने लिखा है कि उन्हें इसका अंदेशा तब हुआ जब अंतिम संस्कार के बाद चिता की राख को धोया जा रहा था। उन्होंने कहा कि उनकी मां के पार्थिव शरीर को कोरोना प्रोटोकॉल के तहत पूरी तरह बॉडी बैग में रखा गया था, इसलिए उन्हें पता नहीं चल पाया कि गहने थे या नहीं। बलवंत का कहना है कि चिता की राख में सिर्फ पांव के फुलगुट्ठू (बिछुए) ही मिले। उनका आरोप है कि राख में न तो अंगूठियां मिलीं, न मंगलसूत्र और ना ही बालियां। ये चीजें अस्पताल प्रशासन की ओर से भी उन्हें नहीं लौटाई गईं।

वहीं, पपरोला कोविड केयर सेंटर का जिम्मा सम्भाल रहे एमएस डॉक्टर कुलदीप बन्याल ने इस घटना पर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा कि सीएमओ कांगड़ा की ओर से उन्हें जानकारी मिली है। उन्होंने कहा कि मैं ना तो यह कहने की स्थिति में हूं कि ऐसी घटना हुई है और न ऐसा कहने की स्थिति में हूं कि परिजन झूठ बोल रहे हैं। अगर ऐसा हुआ है तो इससे शर्मनाक कोई बात नहीं हो सकती। मैंने शिकायत मिलने पर उस वक्त ड्यूटी पर तैनात सभी लोगों से पूछा है, लेकिन सब ने ऐसा करने से इंकार किया है। फिलहाल जांच जारी है।

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