हिमाचलियों के साथ सरकार का सौतेला व्यवहार लेकिन पर्यटकों के लिए हिमाचल तैयार
हिमाचल प्रदेश में सरकार ने जहां एक ओर, हिमाचलियों को वापिस घर आने पर 14 दिन क्वारन्टीन होना होगा, वहीं सैलानी अब हिमाचल में आराम से घूम सकते है।

हिमाचल प्रदेश में सरकार ने जहां एक ओर, हिमाचलियों को वापिस घर आने पर 14 दिन क्वारन्टीन होना होगा, वहीं सैलानी अब हिमाचल में आराम से घूम सकते है। आखिर सरकार का ऐसा सौतेला व्यवहार क्यों? यह सवाल इन दिनों हिमाचल में लोगों की जुबान पर रह-रह कर उठ रहा है।
दरअसल, प्रदेश सरकार ने पर्यटकों को आने के लिए सशर्त प्रदेश की सीमाओं को खोल लिया है। हिमाचल में जो सैलानी आना चाहते हैं, अब उन्हें नहीं रोका जाएगा। अब एक बार फिर से प्रदेश में पर्यटन से जुड़ी गतिविधियां, जो कोविड कि वजह से पूरी तरह से बंद थी, शुरू होंगी।
अगर आप हिमाचल के रहने वाले हैं और हिमाचल वापिस आना चाहते हैं तो को किसी भी हालत में क्वारन्टीन किया जाएगा। ये सरकार के निर्देश हैं। भले ही अब हिमाचल में आने के लिए ई- पास की जरूरत नहीं होगी। हिमाचल की कोविड पास की साइट पर खुद को पंजीकृत करना होगा। लेकिन अगर कोई हिमाचली दूसरे राज्य से आता और सेफ जोन से ही क्यों न आ रहा हो तो भी उसे 14 दिनों तक होम क्वारन्टीन किया जाएगा और अगर कोई रेड ज़ोन से आता है तो संस्थागत क्वारन्टीन किया जाएगा। फिर चाहे आप किसी लैब से टेस्ट कर के आए हों या नहीं। केवल पर्यटकों ही लैब से टेस्ट करवाने के बाद हिमाचल में आराम से घूम फिर सकते हैं। लेकिन हिमाचली को सरकार का सौतेला व्यवहार झेलना ही पड़ेगा।
सरकार ने पर्यटकों कर लिए सीमाएं खोल तो दी हैं लेकिन सरकार के इस फैसले का पहले ही दिन विरोध नजर आने लगा है। शिमला होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सूद ने भी कड़े शब्दों में सरकार के इस फैसले का विरोध जताते हुए कहा कि आज की तारीख में पर्यटक सिर्फ एक सटिर्फिकेट लेकर हिमाचल में आ पाएंगे और कहीं भी घूम लेंगे, लेकिन हमारे अपने बच्चे या रिश्तेदार हिमाचल आते हैं तो उन्हें उनके आने के स्थान के अनुसार 14 दिन तक संस्थागत या होम क्वांरिटन जरूरी है। पर्यटक तो चार-पांच दिन बाद लौट जाएगा, लेकिन अगर उनमें से कोई कोविड ग्रस्त होता है तो परिणामों की जिम्मेदारी की सरकार लेगी। क्योंकि कोविड के लक्षण तो 15 दिन में कभी भी आ सकते हैं। ऐसे में पर्यटकों का हिमाचल में आना खतरे से खाली नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सरकार बसें सौ प्रतिशत क्षमता के साथ चलाने को तैयार है और पर्यटक भी हिमाचल आ जाएंगे तो ऐसे में ये मास्क और सोशल डिस्टेसिंग का दिखावा क्यों? फिर बार, स्वीमिंग पुल या जिम क्यों बंद हैं? हिमाचल सरकार अगर होटल खोलना ही चाहती है तो दिल्ली की तरह सरकार इन होटल्स को अस्पतालों के साथ अटैच करें, ताकि अगर कहीं हिमाचल में कोविड के केस बढ़ें तो उनका इलाज किया जा सके।