कोरोना वायरस के चलते सरकार ने प्रदेश में एंट्री के नियमों में किया बदलाव, यहां पढ़ें पूरी जानकारी
हिमाचल प्रदेश में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों के चलते सरकार ने फिर से सूबे में एंट्री के नियमों में बदलाव किया है। अब सीधे प्रदेश में दाखिल नहीं हो पाएंगे। एक बार फिर से रजिशट्रेशन के बाद अधिकारी परमिशन देंगे। सरकार ने मंगलवार को यह फैसला लिया है।

शिमला. हिमाचल प्रदेश में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों के चलते सरकार ने फिर से सूबे में एंट्री के नियमों में बदलाव किया है। अब सीधे प्रदेश में दाखिल नहीं हो पाएंगे। एक बार फिर से रजिशट्रेशन के बाद अधिकारी परमिशन देंगे। सरकार ने मंगलवार को यह फैसला लिया है। सरकार का तर्क है कि बड़ी संख्या में लोग फर्जी और झूठी जानकारी देकर प्रदेश में दाखिल हो रहे हैं। ऐसे में फिर से नियमों में बदलाव किया गया। इसके अलावा प्रदेश में आने वाले लेबर भी अब क्वारंटीन किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ वैश्विक कोरोना महामारी की समीक्षा की। सीएम ने कहा कि अनलाॅक की प्रक्रिया आरम्भ होते ही प्रदेश में व्यापारिक एवं आर्थिक गतिविधियां बढ़नी आरम्भ हो गयी हैं। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने बाहर से आने वाले कोविड के पाॅजिटिव मामलों में होने वाली वृद्धि के मद्देनजर निर्णय लिया है कि बाहरी प्रदेशों से आने वाले औद्योगिक मजदूरों को संस्थागत या होम क्वारंटीन किया जाएगा। इसका पूर्ण दायित्व लेबर के ठेकेदारों और व्यापारिक संस्थानों के मालिकों का होगा। उन्हें संस्थागत क्वारंटीन के सभी तय दिशा-निर्देशों एवं मानकों के अनुपालन के साथ आगंतुक की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही कार्य करने की अनुमति दी जायेगी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान ने बताया कि इस समय प्रदेश आगमन पर ई-पास नहीं दिए जा रहे हैं। बाहर से आने वालों द्वारा दी जा रही जानकारी को आधार मानकर उन्हें पंजीकृत कर प्रदेश में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है। ऐसी स्थिति में बहुत से लोग अपना पता गलत बता रहे हैं और अन्य विवरण भी गलत भर रहे है। उन्होंने कहा कि नियमों में परिवर्तन करते हुए अब प्रत्येक आगंतुक को अपनी वांछनीय सूचना सत्यापित करनी होगी, जिसके लिए अधिकारियों को प्राधिकृत कर दिया गया है। उनके द्वारा दी गई जानकारी को सत्यापित होने के उपरांत ही पंजीकरण प्रक्रिया पूर्ण मानी जाएगी। यदि कोई व्यक्ति गलत सूचना देते पाया गया तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई अमल में लायी जायेगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि व्यापारियों और अन्य सर्विस इंजीनियर्स को उचित दस्तावेज सत्यापित करवाने के बाद ही पंजीकृत किया जाएगा और उन्हें उसके बाद ही प्रदेश में आने कि अनुमति दी जाएगी। प्रदेश की सीमाओं से बहुत से लोग अनाधिकृत रूप से प्रवेश करने का प्रयास कर रहें हैं। ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कोविड-19 नियमन एवं आपदा प्रबंधन अधिकनयम के अंतर्गत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आरडी धीमान ने बताया कि अनलाॅक की प्रक्रिया के साथ कार्यालयों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, परिवहन और सभी सार्वजानिक स्थानों पर सामाजिक दूरी के उपायों एवं परामर्श का पालन करना अनिवार्य हो गया है। परस्पर दूरी के आवश्यक उपायों को हर एक को अपनाना होगा, जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक एडवाइजरी भी जारी की है। इसके तहत सभी को अन्य व्यक्तियों से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाये रखनी चाहिए। हर एक को अपने घर से निकलते ही फेस मास्क का उपयोग करना चाहिए। यदि कोई जुकाम जैसी बीमारी से पीड़ित है तो उसे किसी चिन्हित कमरे में घर के अन्य सदस्यों विशेषतः बुजुर्गों और उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेय और गुर्दे की बीमारी वाले लोगों से दूर रखना चाहिए।