हिमाचल में होटल संचालकों का होटल खोलने से इनकार, वायरस फैलने का खतरा
हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों के लिए सीमाएं खुलने के साथ ही अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में लोग प्रदेश पहुंच रहे हैं। लेकिन सूबे के प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट्स में संचालकों ने होटल खोलने से हाथ पीछे खींच लिए हैं।

हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों के लिए सीमाएं खुलने के साथ ही अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में लोग प्रदेश पहुंच रहे हैं। लेकिन सूबे के प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट्स में संचालकों ने होटल खोलने से हाथ पीछे खींच लिए हैं। शिमला , मनाली, कुल्लू, किन्नौर में होटल मालिकों ने होटल खोलने से साफ इंकार कर दिया है। उनका तर्क है कि इससे वायरस फैलने का खतरा है।
शिमला में पर्यटक बिना किसी रोकटोक के घूमते नजर आ रहे हैं। ऐसे में स्थानीय लोगों के मन में डर का माहौल बन गया है। पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों में भी काफी आक्रोश है। उनका कहना है कि जब कोई तैयार नहीं था। तो क्यों सरकार ने हिमाचल की सीमाओं को खोलने का फैसला लिया। टूर एंड ट्रेवल हो या होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन या फिर अन्य सामाजिक संस्थाएं हो सभी ने हिमाचल को खोलने के निर्णय के प्रति आपत्ति जताई है।
शिमला के व्यापार मंडल ने भी सरकार को फैसला वापस लेने के लिए ज्ञापन सौंपा था। साथ ही चेतावनी भी दी थी कि यदि सरकार सीमाओं को खोलने का अपना फैसला वापस नहीं लेती है तो आने वाले समय में व्यापार मंडल सभी दुकानें बंद कर देगा। इसके अलावा, शिमला के सामाजिक कार्यकर्ता रवि कुमार ने भी डीसी कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन दिया है।
शिमला के टूर एंड ट्रेवल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन पॉल ने सरकार के इस फैसले को तानाशाही निर्णय बताते हुए कहा कि लोग आर्थिक तंगी झेलते हुए भी कोरोना से बचने के लिए घरों में बंद रहे, लेकिन सरकार ने किसी ट्रेवल और होटेलियर एसोसिएशन से सलाह किए बगैर ही सीमाएं खोलने का फरमान सुना दिया। नवीन पॉल ने कहा कि सरकार ने जाने किसके लिए यह सला लिया है, जबकि अभी तक कोई पर्यटक बीओडी भी नहीं बनी है। उन्होंने सरकार के इस निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि लोग बिना पंजीकरण करवाए या फिर चंद रुपयों के फर्जी पंजीकृत दस्तावेज लेकर आ रहे हैं।
शिमला के होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन अध्यक्ष संजय सूद भी सरकार के इस फैसले से नाखुश दिखे। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश में कोविड-19 की वजह से सबसे अधिक नुकसान पर्यटन इंडस्ट्री और उससे जुड़े लोगों को हुआ है। बावजूद इसके वे यही मांग सरकार से कर रहे थे कि प्रदेश में बाहरी राज्यों से पर्यटकों को आने की अनुमति ना दी जाए, लेकिन सरकार ने उल्ट फैसला लेकर सब प्रदेशवासियों की मेहनत पर पानी फेर दिया। होटल अभी नहीं खुले हैं और ऐसे में पर्यटकों के यहां आने से स्थानीय लोगों पर संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार दोगले नियम बना रही है जो हिमाचलियों और पर्यटकों के लिए अलग-अलग है।