Hari bhoomi hindi news chhattisgarh

बल्ह में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विरोध, उपजाऊ भूमि का दिया हवाला

बल्ह कि उपजाऊ भूमि में ही घरेलू उड़ान के लिए हवाई अड्डे का निर्माण क्यों किया जा रहा है, जो सही नहीं है। यदि सरकार इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की दिलचस्पी रखती है तथा इसके लिए कटिबद्ध है, तो जाहू में बिना पहाड़ काटे कम लागत से बिना किसानों को उजाड़ 3150 मीटर हवाई पट्टी का निर्माण किया जा सकता है।

बल्ह में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विरोध, उपजाऊ भूमि का दिया हवाला
X

फाइल फोटो

बल्ह के नागचला में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई हड्डे की खिलाफत शुरू हो गई है। बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष जोगिंद्र वालिया व सचिव नंदलाल वर्मा ने विरोध प्रकट करते हुए कहा कि सरकार द्वारा प्रस्तावित हवाई अड्डा 2150 मीटर रन-वे केवल 72 सीटर छोटा हवाई जहाज घरेलू उड़ान के लिए ही प्रस्तावित है और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए 3150 मीटर की हवाई पट्टी बनानी पड़ेगी। ओएलएस सर्वे के अनुसार सुंदरनगर की पहाडि़यों में जिसमें बंदलीधार को 500 मीटर काटना पड़ेगा, जो कि संभव नहीं है।

दूसरी तरफ यहां से भुंतर हवाई अड्डे की आकाशीय दूरी 30 किलोमीटर, शिमला हवाई अड्डा करीब 50 किलोमीटर और गगल हवाई अड्डा भी करीब 50 किलोमीटर है, उनको भी अब अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है। फिर भी बल्ह कि उपजाऊ भूमि में ही घरेलू उड़ान के लिए हवाई अड्डे का निर्माण क्यों किया जा रहा है, जो सही नहीं है। यदि सरकार इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की दिलचस्पी रखती है तथा इसके लिए कटिबद्ध है, तो जाहू में बिना पहाड़ काटे कम लागत से बिना किसानों को उजाड़ 3150 मीटर हवाई पट्टी का निर्माण किया जा सकता है।

अन्यथा प्रस्तावित 72 सीटर हवाई जहाज के लिए मंडी जिला में ही नंदगढ़, ढांगसीधार, मौवीसेरी आदि उपयुक्त जगह हैं। जाहू में हवाई अड्डा बनाया जाता है, तो इसका निर्माण कार्य ज्यादातर जिला मंडी में ही होगा, जिसमें 80 फीसदी सरकारी जमीन उपलब्ध है और यह स्थान तीन जिलों मंडी, बिलासपुर, हमीरपुर को जोड़ने का काम करेगा। जाहू नेरचौक से 20 किलोमीटर की दूरी पर है।

और पढ़ें
Next Story