रिपोर्ट में खुलासा: चीन के चौपर्स ने दो बार की हिमाचल में घुसपैठ
भारत-चीन के बीच बढ़ रहे विवाद को लेकर स्टेट सीआईडी ने भी अपनी एक चौंकाने वाली रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी है, जिसके बाद राज्यपाल ने पीएमओ को इस रिपोर्ट को लेकर अवगत करवा दिया है।

भारत-चीन के बीच बढ़ रहे विवाद को लेकर स्टेट सीआईडी ने भी अपनी एक चौंकाने वाली रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी है, जिसके बाद राज्यपाल ने पीएमओ को इस रिपोर्ट को लेकर अवगत करवा दिया है। पुलिस से जुड़े सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में बताया गया है कि गलवान घाटी में बढ़ी तनातनी के बाद प्रदेश के किन्नौर और लाहुल-स्पीति के साथ सटी चीन अधिकृत तिब्बत की सीमा पर भी गतिविधियां बढ़ गई हैं। रिपोर्ट में यह भी साफ किया गया है कि चीन ने बार्डर के एकदम पास तक सड़क निर्माण कर लिया है।
जबकि सीआईडी की रिपोर्ट में यह भी जिक्र किया गया है कि कब-कब चीन ने बार्डर पार कर घुसपैठ करने की कोशिश की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन का हेलिकाप्टर 11 अप्रैल को भारतीय सीमा में 10 किलोमीटर तक अंदर आ गया था, जबकि 20 अप्रैल को दुश्मन का एक हेलिकाप्टर तीन किलोमीटर भीतर आ गया था। इसके अलावा 21 अप्रैल, 15, 16, 20 जून और पांच अगस्त को भी सीमा पर गतिविधियां नोटिस की गई हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन के दो ओलिव ग्रीन वाहन भी मूवमेंट करने सीमा पर देखे गए हैं। ये सब गतिविधियां गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद देखी गई हैं। चीन की तरफ से दो बार एयर स्पेस का वॅयलेशन भी किया गया है। हिमाचल के साथ चीन की 240 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है, जिसमें से 160 किलोमीटर किन्नौर जिला की है।
यहां पर छितकुल से समधो तक सीमा लगती है, जबकि 80 किलोमीटर लंबी सीमा लाहुल-स्पीति के पास लगती है। ये सीमा समधो से चुमार तक लगती है। इस सीमा के साथ हिमाचल के 48 गांव भी लगते हैं। ऐसे में यहां पर भी सेना और सीआईडी की गतिविधियां ज्यादा हो गई हैं। किन्नौर के 36, जबकि लाहुल स्पीति के 12 गांव सीमा के साथ लगते हैं। गतिविधियों के ज्यादा बढ़ने की रिपोर्ट भी दो बार राज्यपाल कार्यालय की ओर से पीएमओ को भेजी गई है। ऐसे में अब यह सारा मामला भारत सरकार, गृह मंत्रालय समेत विदेश मंत्रालय के पास भी है।