रोप-वे प्रोजेक्ट्स से खत्म होगा हिमाचल का जाम
हिमाचल प्रदेश में धार्मिक व साहसिक पर्यटन स्थल को बढ़ावा देने के साथ-साथ रोड पर ट्रैफिक जाम की परेशानी से लोगों को छुटकारा दिलाने के लिए सरकार कई सालों से रोप-वे प्रोजेक्ट्स का काम कर रही है।

फाइल फोटो
हिमाचल प्रदेश में धार्मिक व साहसिक पर्यटन स्थल को बढ़ावा देने के साथ-साथ रोड पर ट्रैफिक जाम की परेशानी से लोगों को छुटकारा दिलाने के लिए सरकार कई सालों से रोप-वे प्रोजेक्ट्स का काम कर रही है। विडंबना यह है कि रोप-वे प्रोजेक्ट्स को क्लीयरेंस मिलने में होने वाली देरी की वजह से इनका काम प्रारंभ ही नहीं हो पाता। कांगड़ा जिला में हिमानी चामुंडा रोप-वे निर्माण की घोषणा 2015 में हुई थी, मगर इसका काम कछुआ चाल से चल रहा है। इस रोप-वे प्रोजेक्ट पर 450 करोड़ की रकम खर्च होगी। कमोवेश यही स्थिति धर्मशाला- मकलोडगंज रोप-वे की भी है। भुंतर से बिजली महादेव रोप-वे का काम भी धीमी गति से चल रहा है। टूटीकंडी से जोद्धा निवास रोप-वे का काम शिलान्यास से आगे नहीं बढ़ पाया है।
अटल टनल रोहतांग के यातायात के लिए खुलने के बाद अब सरकार का फोकस करीब 585 करोड़ के पलचान- रोहतांग रोप-वे पर है। सरकार इस रोप-वे का काम जल्द पूरा करने की कोशिश में है।
प्रदेश को रोप-वे प्रोजेक्ट्स का बेसब्री से इंतजार है। अटल टनल एक बड़ा सपना था, जो कि पूरा हो गया है। पहाड़ में सुरंगें दूरियां कम करने के लिए बेहद लाभदायक हैं, मगर इसके साथ रोप-वे भी अहम है, जो यहां के लोगों को सुविधा देगा, वहीं पर्यटकों की सुविधा के साथ दूरियां आसानी से नजदीकियों में तबदील होंगी। हिमाचल में कुछ महत्त्वपूर्ण रोप-वे प्रोजेक्ट हैं, जिन पर काम शुरू होने की उम्मीद बढ़ गई है। इसमें 450 करोड़ के पलचान-रोहतांग के साथ-साथ 1200 करोड़ के शिमला रोप-वे प्रोजेक्ट का काम जल्द शुरू होने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक शिमला के सर्कुलर रोड पर बनने वाले 1200 करोड़ के रोप-वे प्रोजेक्ट के टेंडर जल्दी कर दिए जाएंगे, वहीं पलचान- रोहतांग रोप-वे का काम भी जल्द शुरू कर दिया जाएगा।