Covid-19: पूरा परिवार हुआ कोरोना संक्रमित तो ग्रामीणों ने बढ़ाया मदद का हाथ, खेतों में खड़ी फसल काटी
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले (Kangra District) के उपमंडल शाहपुर में एक पूरा परिवार कोरोना संक्रमित (Corona Infected) पाया गया। परिवार के सभी लोगों के संक्रमित होने से पूरे गांव में दहशत का माहौल पैदा हो गया।

कोरोना (फाइल फोटो)
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले (Kangra District) के उपमंडल शाहपुर में एक पूरा परिवार कोरोना संक्रमित (Corona Infected) पाया गया। परिवार के सभी लोगों के संक्रमित होने से पूरे गांव में दहशत का माहौल पैदा हो गया। संक्रमित परिवार के लोगों की गेहूं की फसल खेत में खड़ी थी। जिसके बाद गांव वालों ने एक मिशाल पेश की और पूरी फसल को काट दिया। जिसके बाद कोरोना संक्रमित परिवार ने राहत की सांस ली।
बता दें कि नौशहरा के रहने वाले किसान (Farmer) पृथी चंद दो सप्ताह पहले कोरोना की चपेट में आ गये थे। पांच से सात दिन कोरोना से जंग लड़ने के बाद भी वो खुद को नहीं बचा पाये और उनकी दुखद निधन हो गया। आलम ये था कि किसान की मौत से पहले उनके परिवार के सदस्यों में उनकी धर्मपत्नी, बेटा और बहू भी कोरोना की चपेट में आ चुकी थी, स्थिति इतनी नाजुक थी कि घर वाले भी पृथी चंद का अंतिम संस्कार कर पाने में अक्षम थे।
वहीं गांव के ही कुछ लोगों ने आगे बढ़कर पृथी चंद की पार्थिव देह को कोरोना प्रोटोकोल के तहत श्मशान घाट तक पहुंचाया, जहां उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। पृथी चंद की मौत के साथ ही सवाल ये खड़ा हो गया कि अब उसके खेतों में खड़ी उस रबि की फ़सल को कौन काटेगा, कौन घर तक पहुंचायेगा? क्योंकि एक तो ख़राब मौसम और लगातार बारिश ऊपर से घर-परिवार में मातम और कोरोना का कहर तीसरा करीब आठ से दस कनाल की जमीन यानी खेतों में खड़ी 6 महीने की खून-पसीने की गाढ़ी कमाई गेहूं आये दिन बर्बाद होती हुई।
नज़र आ रही थी, ऐसे में बागड़ू पंचायत के प्रधान समेत लाहेश्वरी मंदिर कमेटी के सदस्यों ने दुख की इस घड़ी में अपना कामकाज छोड़ सबसे पहले इस दुखिया परिवार का सहयोग करने की ठानी और खुद अपने स्तर पर बाकी युवाओं से और गांव के लोगों से आह्वान कर उनकी खेतों में खड़ी बर्बाद होती फ़सल को काटने का आह्वान किया। उनके इस आह्वान पर कई लोगों ने हामी भर दी और सभी ने एकजुट होकर दिवंग्त किसान पृथी चंद के खेतों में जाकर न केवल कटाई का काम शुरू कर दिया, बल्कि उसकी बुहाई समेत घर तक पहुंचाने का भी बीड़ा उठाया।