शिमला-मटौर फोरलेन निर्माण कार्य के लिए 10000 करोड़ का बजट
शिमला-मटौर फोरलेन अभी रद्द नहीं हुआ है और न ही इस फोरलेन को लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया है। पिछले दिनों राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को पत्र लिखकर इस फोरलेन को लोक निर्माण विभाग को सौंपने की मांग की थी।

शिमला-मटौर फोरलेन अभी रद्द नहीं हुआ है और न ही इस फोरलेन को लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया है। पिछले दिनों राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को पत्र लिखकर इस फोरलेन को लोक निर्माण विभाग को सौंपने की मांग की थी। दलील दी गई थी कि इस सड़क मार्ग पर इतना यातायात नहीं है कि इससे खर्च की भरपाई हो सके। मंत्रालय ने एनएचएआई की इस दलील को खारिज कर दिया है। अब जल्द ही इस फोरलेन को बनाने के लिए आधिकारिक आदेश जारी किए जाएंगे।
शिमला-मटौर फोरलेन के परियोजना निदेशक वाईए राउत ने कहा कि भूतल मंत्रालय ने ऐसे प्रोजेक्टों की लिस्ट तैयार की थी, जिनमें खर्च ज्यादा और आय कम थी। इसमें शिमला-मटौर फोरलेन भी शामिल है। लेकिन इसे अभी तक न तो रद्द किया गया है और न ही एनएचएआई से लिया गया है। उन्होंने कहा कि डबल लेन की मरम्मत करने के आदेश केंद्रीय भूतल मंत्रालय से आए हैं। अनौपचारिक रूप से यह भी कह दिया गया है कि एनएचएआई ही फोरलेन का निर्माण करेगा। लिखित आदेश आने पर इसके निर्माण की प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी।
फोरलेन निर्माण के लिए 7,000 करोड़ और भूमि अधिग्रहण के लिए 3,000 करोड़ का बजट है। 5 पैकेज में बनने वाले फोरलेन का सर्वे पूरा कर डीपीआर तैयार कर ली गई है। पैकेज 5 ज्वालामुखी से धर्मशाला तक भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इस पैकेज में सिर्फ लोगों को जमीन के पैसे देने हैं। फोरलेन बनने से शिमला से कांगड़ा जिला के मटौर की दूरी 43 किलोमीटर कम हो जाएगी। यह दूरी 223 से घटकर 180 किलोमीटर रह जाएगी। इसके अलावा यहां आने वाले देश-विदेश के सैलानियों और स्थानीय लोगों को सर्पीली सड़कों से भी छुटकारा मिल जाएगा।