किराए का मकान लेने के लिए रखी किराए की बीबी, दोस्त को बनाया साला
रेवाड़ी की रेलवे कॉलोनी में रेलवे ड्रामेटिक क्लब की ओर से चल रही रामलीला में कलाकारों ने किया हांस्य नाटक किराए की बीबी का मंचन।

नाटक के मंचन में बनारसी से पैसे मांगते जुम्मेखान।
हरिभूमि न्यूज : रेवाड़ी
रेलवे कालोनी में श्री राम मंदिर रेलवे ड्रामेटिक क्लब की ओर से किए जा रहे रामलीला मंचन के दौरान हांस्य नाटक किराए की बीबी का मंचन किया गया। केके सक्सेना के निर्देशन में आयोजित नाटक का उद्घाटन रेलवे कांट्रेक्टर राजकुमार द्वारा किया गया। नाटक में कुंवारे लड़कों को किराए पर मकान ना मिलने की समस्या को दिखाया गया, जिसमें बनारसी व उनके साथ कार्यालय मेें काम करने वाले नारायण सिंह दोनों मकान मालकिन जानकी से शादीशुदा होने की बात झूठ बोलकर मकान किराए पर ले लेते हैं। कुछ दिन मकान में रहने के बाद उनका जानकी से झगड़ा हो जाता है तथा मकान मालकिन उनको टाइम देकर कहती कि अगर शाम तक बीवी लेकर नहीं आए तो तुम्हारा सामान सड़क पर होगा।
इस पर दोनों घर में आई मेहमान डॉ शकुन्तला को किराए की बीवी व अपने एक दोस्त प्राण को बीवी का भाई बना देते हैं। उधार के पैसे ना देने के कारण खाने का बिल लेने के लिए होटल वाला सीताराम, कपड़े सिलवाने के पैसे लेने के लिए टेलर मास्टर नानक चन्द्र व जूतों के पैसे के लिए जुम्मेखान रोजना बनारसी के घर के चक्कर लगाते रहते हैं, लेकिन बनारसी कोई ना कोई तरकीब लगाकर उनसे बचता रहता है। एक दिन बनारसी के पिता प्रभु दयाल उसकी शादी की बात के लिए घर आतेे हैं तो उनको पता चलता हैं कि घर में किराए की बीवी रखी हुई है, जिससें मकान मालकिन को भी किराए की बीवी के बारे में पता चल जाता है। उसी समय डाकिया भी डॉ शंकुतला के नाम का पत्र देने के लिए आ जाता है, जिस पर मिस शंकुतला लिखा होता है।
वहीं रोजना पैसे के लिए चक्कर लगाने पर जब सीताराम, नानक चन्द्र व जुम्मेखान को बनारसी हाथ नहीं लगता हैं तो तीनों साधु का भेष बनाकर उसको पकड़ लेते हैं। ये देखकर घर आए बनारसी के पिता तीनो का उधार चुका देते हैं। बनारसी के पिता मकान मालकिन से बात करके उसकी लड़की लाडो से बनारसी की शादी व उसके दोस्त प्राण से किराए की बीबी बनी शकुंतला की शादी करवा देते हैं। हांस्य से भरकर नाटक के मंचन को देखकर दर्शन ने काफी ठहाकें लगाए व हंस हंस कर लोटपोट हो गए।