हरियाणा में इस साल 47 फीसदी कम हुआ गेहूं का उत्पादन, जानिए क्या रहे कारण
केन्द्रीय खाद्यान्न भण्डारण में सबसे बड़ी भूमिका अदा करने वाले प्रदेश हरियाणा में इस बार गेहूं पर्याप्त मात्रा में नहीं हुआ। यह अपने आप में एक रिकार्ड है। हालांकि इसके कयास मार्च में ही लगने शुरू हो गए थे। कृषि अधिकारी भी इसकी पुष्टि करते हैं।

फाइल फोटो
सुरेन्द्र असीजा : फतेहाबाद
केन्द्रीय खाद्यान्न भण्डारण में सबसे बड़ी भूमिका अदा करने वाले प्रदेश हरियाणा में इस बार गेहूं पर्याप्त मात्रा में नहीं हुआ। प्रतिकूल क्लाइमेट, तापमान में बढ़ोतरी, गेहूं के रकबे में कमी के चलते इस बार पिछली बार की अपेक्षा 47 प्रतिशत उत्पादन कम हुआ है। यह अपने आप में एक रिकार्ड है। हालांकि इसके कयास मार्च में ही लगने शुरू हो गए थे। कृषि अधिकारी भी इसकी पुष्टि करते हैं।
इस वर्ष प्रदेश में गेहूं की बिजाई पिछले वर्ष से करीब 3 लाख हैक्टेयर भूमि पर कम हुई। बीते वर्ष प्रदेश में करीब 25 लाख 33 हजार हैक्टेयर में हुई थी। इस बार यह कम होकर 22.9 लाख हेक्टेयर रह गई। माना जा रहा था कि 100 लाख मीट्रिक टन से ऊपर गेहूं का उत्पादन होगा लेकिन मार्च मास में तापमान में हुई वृद्धि, बेमौसमी बारिश के कारण गेहूं का दाना कमजोर रह गया। सामान्य तौर पर मार्च में तापमान 34-35 डिग्री तक रहता है लेकिन इस बार मार्च मास में यह 40 डिग्री तक पहुंच गया, जोकि सामान्य से 4-5 डिग्री अधिक था। सामान्य तापमान में गेहूं के दाने में फुटाव आ जाता था। इस बार दाना सिकुड़ गया।
यही कारण रहा कि प्रति एकड़ से 16 से 18 क्विंटल तक ही उत्पादन हुआ जबकि पिछली बार यह 22 क्विंटल तक था। बीते वर्ष हरियाणा में 85 लाख 84 हजार 46 मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन हुआ था। इस बार यह कम होकर 44 लाख 84 हजार 135 मीट्रिक टन रह गया। बता दें कि हरियाणा का गेहूं उत्पादन का लक्ष्य 85 लाख मीट्रिक टन है। बता दें कि यह पहली बार हुआ है कि सरकारी खरीद एजेंसी हैफेड ने एफसीआई में दिया जाना वाला गेहूं तो एमएसपी पर खरीदा जबकि हैफेड ने स्वयं कमर्शियल खरीद करते हुए इसे 2050 तक का भाव दिया।
इसलिए कम रही गेहूं की आवक
1. पिछले साल के मुकाबले बिजाई क्षेत्र कम होना।
2. बेमौसमी बारिश और समय से पहले गर्मी से दाना सिकुड़ा
3. यूक्रेन-रूस युद्ध से अंतरराष्ट्रीय स्तर गेहूं की मांग बढ़ने के चलते स्टॉक कर रहे व्यापारी।
4. सरसों के दामों में हुई बेहताशा वृद्धि के चलते सरसों का रकबा बढ़ा वहीं गेहूं का रकबा कम हुआ।
5. किसानों ने भी भाव बढ़ने की उम्मीद से गेहूं को स्टॉक किया हुआ है।
जानिए कहां पर कितनी गेहूं की खरीद हुई
जिला इस वर्ष हुई खरीद पिछले वर्ष हुई खरीद
अम्बाला 167184 326913
पंचकूला 26074 50673
यमुनानगर 199590 396888
कैथल 458289 667629
करनाल 602850 958781
पानीपत 208087 322232
कुरूक्षेत्र 322160 607506
सोनीपत 256783 468191
हिसार 241719 549287
फतेहाबाद 458676 689489
जींद 513850 735106
भिवानी 69347 369508
सिरसा 433751 990884
गुडगांव 16687 32819
नूंह 13962 129906
फरीदाबाद 63768 145456
पलवल 136138 440699
रेवाड़ी 6864 93729
महेन्द्रगढ़ 160 38867
रोहतक 162885 322157
झज्जर 48160 188800
कुल 4484135 8584046