Hari bhoomi hindi news chhattisgarh

कार्तिकेय के राज्यसभा जाने से बदली अंबाला की सियासी फिजा, विरोध करने वाले भाजपाई अब दे रहे बधाई, मेयर हैं मां शक्ति रानी

भाजपा-जजपा के दम पर कार्तिकेय की जीत भाजपा के उन नेताओं को खूब रास आ रही है जोकि कभी शर्मा के खास होते थे। विधानसभा चुनाव में ये लोग शर्मा का साथ छोड़कर भाजपा में चले गए थे। मगर अब तो वे भी खुलकर पूर्व मंत्री विनोद शर्मा व उनके सांसद बेटे कार्तिकेय को भाजपाई बता दे रहे हैं।

कार्तिकेय के राज्यसभा जाने से बदली अंबाला की सियासी फिजा, विरोध करने वाले भाजपाई अब दे रहे बधाई, मेयर हैं मां शक्ति रानी
X

राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा को बधाई देने पहुंचे भाजपा सदस्य।

हरिभूमि न्यूज : अंबाला

पूर्व मंत्री विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय शर्मा के राज्यसभा सांसद बनते ही अंबाला शहर की सियासी फिजा भी पूरी तरह बदल गई है। नगर निगम के सदन में मेयर शक्ति रानी शर्मा से टकराने वाले भाजपाई पार्षद अब कार्तिकेय शर्मा को बधाई दे रहे हैं। बेशक अभी तक विधायक असीम गोयल ने शर्मा की जीत को लेकर कोई खास प्रतक्रिया नहीं दी है लेकिन उनके सहयोगी शर्मा की कोठी पर हाजिर भी लगाकर आ गए हैं। भाजपा-जजपा के दम पर कार्तिकेय की जीत भाजपा के उन नेताओं को खूब रास आ रही है जोकि कभी शर्मा के खास होते थे। विधानसभा चुनाव में ये लोग शर्मा का साथ छोड़कर भाजपा में चले गए थे। मगर अब तो वे भी खुलकर पूर्व मंत्री विनोद शर्मा व उनके सांसद बेटे कार्तिकेय को भाजपाई बता दे रहे हैं।

खत्म होगी सदन में टकराव की स्थिति

अक्सर भाजपा पार्षद सियासी मजबूरियों की वजह से पिछले एक साल से सदन में मेयर शक्ति रानी शर्मा से टकरा रहे थे। मगर मेयर के बेटे कार्तिकेय शर्मा की जीत के बाद अब सदन में यह टकराव खत्म होता दिख रहा है। अक्सर सदन में मेयर का विरोध करने वाले भाजपा के पार्षद सबसे पहले कार्तिकेय के लिए बुके लेकर खड़े थे। यानि आने वाले दिनों में अब सदन हजपा-भाजपा की दोस्ती के साथ चलेगा। यानि अब काम न होने की दुहाई देने वाले हजपा पार्षदों के भी काम होंगे। बदली सियासी फिजा से ज्यादातर हजपाई पार्षद इस बात को स्वीकार भी कर रहे हैं। यानि अब सदन में विपक्ष की भूमिका पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।

सीनियर व डिप्टी मेयर पद पर होगी बांट

सदन में पहले भाजपा-हजपा के पार्षद सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर पद के लिए पर्याप्त बहुमत नहीं था। पर अब बदले हालात में हजपा-भाजपा एक-एक पद को लेकर समझौता कर सकती है। यानि दोनों पार्टियों के पास एक-एक पद होगा। पहले बहुमत न होने की स्थिति में कांग्रेस व एचडीएफ के चार सदस्यों की खूब बल्ले बल्ले थी। पर अब उनकी पूछ कम होना तय है। बड़ी मुश्किल कांग्रेसी सदस्यों के लिए रहेगी जिन्हें फिर से अपने काम के लिए सदन में संघर्ष करना होगा। क्योंकि एचडीएफ सदस्य की पहले से ही भाजपा के नजदीकियां हैं। न चाहते हुए भी ये सदस्य भाजपा के फेवर में अपनी वोट का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अब अफसरों पर बढेगा दबाव

हजपा-भाजपा के सदन में साथ आने से नगर निगम के अधिकारियों पर दबाव बढ़ना लाजिमी है। बेशक मेयर शक्तिरानी शर्मा हैं लेकिन अफसर हजपा सदस्यों को ज्यादा तवज्जो नहीं देते थे। एक बारगी तो निगम अधिकारियों ने हजपा पार्षदों को दलाल तक कह दिया था। शिकायत के बाद उस अधिकारी के खिलाफ जांच होने की बात कही जा रही है लेकिन कार्रवाई अभी तक नहीं हुई। ऐसे में अब अफसरों को सत्ताधारी भाजपा सदस्यों के साथ हजपा सदस्यों को भी पूरा सम्मान देना होगा। इसी वजह से कार्तिकेय शर्मा की जीत से ज्यादातर सदस्य खुश दिख रहे हैं।

और पढ़ें
Next Story