Upsc Topper Interview : हरियाणा की बेटी ममता यादव का ऑल इंडिया में 5वां रैंक, ये है इनकी सफलता का मूल मंत्र
ममता के पिता दिल्ली की एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं, जबकि मां ग्रहणी हैं। पूरा परिवार दिल्ली में रहता है। ममता ने अपनी बेसिक पढ़ाई दिल्ली से पूरी की।

Upsc में हरियाणा की बेटी ममता यादव का ऑल इंडिया में 5वां रैंक
देवेंद्र यादव : महेंद्रगढ़
जिला महेंद्रगढ़ के युवाओं ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे किसी भी क्षेत्र में कम नहीं हैं। पढ़ाई के क्षेत्र में यहां के युवाओं ने पूर्व में भी यूपीएससी ( UPSC ) की परीक्षा में अपना दम दिखा पूरे देश में लोहा मनवाया था, वहीं इस बार भी यहां के चार युवाओं ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर पूरे देश में जिले का नाम रोशन किया है। इन युवाओं में जिले की दो लड़कियां तथा दो लड़कें शामिल हैं। विशेष बात यह है कि चारों ही ग्रामीण परिवेश से जुड़े हुए हैं तथा सभी का बचपन गांवों में ही गुजरा है। वहीं इनमें तीन युवा ऐसे भी हैं, जिन्होंने गत वर्ष भी यूपीएससी क्वालीफाई किया था, मगर अपने रैंक से संतुष्ट नहीं थे। अब इन्होंने मेहनत कर नया मुकाम हासिल किया है।
गांव बसई की बेटी ने ममता यादव ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में ऑल इंडिया में पांचवां रैंक हासिल कर प्रदेश व जिला में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। ममता के पिता दिल्ली की एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं, जबकि मां ग्रहणी हैं। पूरा परिवार दिल्ली में रहता है। ममता ने अपनी बेसिक पढ़ाई दिल्ली से पूरी की। बाद में उसने 2017 में दिल्ली के हिंदू कॉलेज से बीएससी (फिजिक्स ऑनर्स) की। इसके बाद ममता ने यूपीएससी की तैैयारी शुरू कर दी।
ममता ने 2019 में यूपीएससी क्वालीफाई कर दिया था, लेकिन रैंक अधिक होने से उसको आईएएस नहीं मिल पा रहा था। उसने अपना आत्मविश्वास कम नहीं होने दिया और अपनी कमियां देखकर दोबारा यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। ममता ने बताया कि वह प्रतिदिन आठ से दस घंटे पढ़ती थी और स्वयं के नोट्स बनाती थी। सोशल मीडिया से हमेशा दूरी बनाकर रहती थी। परीक्षा के दौरान तो 12 से 15 घंटे भी पढ़ाई की। उसने बताया कि ऐच्छिक विषय उसने फिजिक्स ही रखा, क्योंकि उसमें उसकी शुरूआत से ही अच्छी पकड़ थी। उसने बताया कि उसने अपना पहला कॉडर दिल्ली तथा दूसरा मध्यप्रदेश भरा है। उसने बताया कि वो सरकारी योजनाओं को गरीबों तक पहुंचाने का हरसंभव प्रयास करेंगी। उसने अपने जुनियर्स को संदेश दिया कि वो मन लगाकर अच्छी पढ़ाई करेंगे जितना वो पढ़ेंगी उतने अवसर उनको मिल पाएंगे। ममता ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया।