Weather Update : तेज धूप ने किसानों की चिंताएं बढ़ाई, ऐसे ही तापमान बढ़ता रहा तो गेहूं उत्पादन में छा सकता है संकट
इस गर्मी ने गेहूं के लिए संकट खड़ा कर दिया है। किसानों के चेहरे पर अभी से ही चिंता की लकीरें खिंच गई है। मौसम विभाग ने 6 व 8 फरवरी को पश्चिमी विक्षोभ की संभावना जताई है, जिस कारण उत्तरी-पश्चिमी हवाएं चलनेस् से तापमान में गिरावट आएगी।

फतेहाबाद। खेतों में तेज धूप में खड़ी गेहूं की फसल।
सुरेन्द्र असीजा/फतेहाबाद। पिछले 5 दिनों से पड़ रही तेज धूप के कारण दिन के तापमान में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। रविवार को दिन में निकली तेज धूप ने लोगों को मार्च जैसी गर्मी का अहसास करवा दिया। रविवार को यहां का अधिकतम तापमान 26 डिग्री को भी पार कर गया जबकि न्यूनतम तापमान 12 डिग्री दर्ज किया गया। इस गर्मी ने गेहूं के लिए संकट खड़ा कर दिया है। किसानों के चेहरे पर अभी से ही चिंता की लकीरें खिंच गई है। मौसम विभाग ने 6 व 8 फरवरी को पश्चिमी विक्षोभ की संभावना जताई है, जिस कारण उत्तरी-पश्चिमी हवाएं चलने से तापमान में गिरावट आएगी।
पिछले कई दिनों से अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से अधिक चल रहा है जबकि न्यूनतम तापमान 4 से 10 डिग्री के बीच घूम रहा है। इस कारण यहां तेज धूप पड़ रही है। इस बार दिसम्बर और जनवरी में भी बारिश न होने से गेहूं व सरसों की फसल पर संकट के बादल मंडराते रहे। हालांकि धुंध व पाले ने गेहूं की फसल के लिए संजीवनी का काम किया है लेकिन बरसात न होने से और अब तेज धूप पड़ने से फिर गेहूं की फसल के उत्पादन को लेकर कृषि विशेषज्ञों की चिंता बढ़ गई है।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे ही तापमान बढ़ता रहा हूं कि गेहूं के दाने का रस सूख जाएगा। इसके बाद गेहूं का दाना सिकुड़ना शुरू हो जाएगा। दाना कमजोर होने से इसका असर गेहूं उत्पादन पर पड़ेगा। जिला में इस बार दिसम्बर में बारिश न होने से गेहूं की बिजाई भी मात्र 1 लाख 83 हजार हेक्टेयर भूमि पर हो गई जबकि पिछले वर्ष जिले में गेहूं का रकबा ज्यादा था। गांव नागपुर के किसान अरूण मेहता ने बताया कि यही तेज धूप अगले महीने तक पड़ती रही तो गेहूं व चने के लिए घाटे का सौदा बन जाएगा। सरसों के लिए भी यह धूप नुकसानदेह हो रही है। अभी गेहूं का दाना नहीं बना। दाना बनता है तो वह कमजोर होगा।
पहले धुंध ने चलाया बरसात का काम
बरसात न होने से चना व सरसों की फसल काली पड़नी शुरू हो जाती है और उसकी बढ़वार रूक जाती है, जिसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ता है। पीछे अच्छी धुंध ने बरसात का काम चलाया लेकिन अब तेज धूप नुकसानदायक साबित हो रही है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि किसान अच्छी सिंचाई करें। पिछले 12 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है कि दिसम्बर में एक बार भी बरसात नहीं हुई जबकि जनवरी में मात्र एक बार 5 एमएम बरसात हुई।
कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजेश सिहाग ने बताया कि अभी तापमान बार्डर लेवल पर चल रहा है। अगर थोड़ा-सा भी तापमान बढ़ता है तो उसका गेहूं के उत्पादन पर विपरीत असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि 30 डिग्री के आसपास तापमान पहुंचा तो फिर किसानों के लिए चिंता का विषय हो सकता है।
हिसार स्थित एचएयू मौसम विभाग के अध्यक्ष डॉ. एमएल खीचड़ के अनुसार 6 व 8 फरवरी को दो पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होंगे, जिसका प्रभाव पहाड़ों पर होगा। इसमें उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलने से हमारे यहां भी ठंडी हवाएं आएंगी, जिसके बाद तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। उन्होंने बताया कि आसमान साफ होने की वजह से ही तापमान बढ़ा हुआ है। यदि आसमान में थोड़े-से भी बादल होते तो तापमान कम होता।
ऐसे बढ़ा तापमान
दिनांक - अधिकतम- न्यूनतम
1 फरवरी - 20 - 4
2 फरवरी 22 - 5
3 फरवरी 24 - 8
4 फरवरी- 26 - 10
5 फरवरी- 26 - 12
6 फरवरी- 25.2 - 11.2