एक्शन : एसआईटी ने कबूतरबाजों के खिलाफ जांच शुरू की
अमेरिका (America) से डिपोर्ट होकर आए युवाओं के मामले में एसआईटी चीफ ने छह जिलों में तैनात आईपीएस अफसरों के साथ डिजीटली मीटिंग (Meeting) की और पूरे मामले में रणनीति निर्धारित कर दी।

योगेंद्र शर्मा.चंडीगढ़
अमेरिका(America) से डिपोर्ट होकर आए 75 युवाओं को लेकर अब एसआईटी चीफ (SIT Chief) ने कमान संभालकर कामकाज की शुरुआत कर दी है। एसआईटी चीफ ने छह जिलों में तैनात आईपीएस अफसरों के साथ डिजीटली मीटिंग (Meeting) की और पूरे मामले में रणनीति निर्धारित कर दी है। इस क्रम में सबसे पहले करनाल के एक कबूतरबाज की गिरफ्तारी हो गई है। 66 युवाओं की ओर से एसआईटी टीम को अपने बयान भी दर्ज करा दिए गए हैं, जबकि बाकियों से भी अमेरिका की जेलों में डेढ़ साल के दौरान हुई तकलीफों और भेजने वाले लोगों के बारे में टीम पूछताछ कर रही है।
गुरुवार को एसआईटी की मुखिया वरिष्ठ आईपीएस आईजी भारती अरोड़ा ने विधिवित कमान संभालते हुए छह जिलों के एसपी से डिजीटली पहली बैठक लेकर इस संबंध में साफ कर दिया है कि कबूतरबाजी कर युवाओं से लाखों ठगने वाले इस मामले में कोई लापरवाही नहीं हो साथ ही कुरुक्षेत्र में क्वारंटीन किए गए 75 युवाओं में से 66 के अभी तक बयान दर्ज हो चुके हैं। बाकी से पूछताछ और उनके बयान लेने की प्रक्रिया जारी है।
यहां पर उल्लेखनीय है कि पहले भी अमेरिका से डिपोर्ट होकर 73 युवा अमृसर एयरपोर्ट से पंचकूला में क्वारंटीन किए थे। अब से पहले 73 केस दर्ज हो चुके हैं। उक्त मामले में पहले डीजी क्राइम की देखरेख में बयान हो रहे थे, अब प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज ने इस मामले में एसआईटी का गठन कर दिया है। जिसमें एक आईजी के अलावा छह जिलों के एसपी भी शामिल कर दिए गए हैं। गुरुवार से एसआईटी सक्रिय हो गई है। आने वाले दिनों में कुछ बड़े सफेदपोश कबूतरबाजों पर शिकंजा कसने की तैयारी है।
मामले में बख्शे नहीं जाएंगे : विज
प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज ने गुरुवार को हरिभूमि के पूछे जाने पर कहा कि एसआईटी ने अपना कामकाज शुरू कर दिया है। हम प्रदेश के इन युवाओ के साथ में हुई ठगी के मामले में किसी को भी बख्शेंगे नहीं। विज ने कहा कि एसईआईटी अपना काम शुरू कर चुकी हैं, युवाओं द्वारा जिन कबूतरबाजों के नाम लिए गए हैं, उनको बख्शा नहीं जाएगा।
अब मामला एसआईटी के हवाले डीजी क्राइम अग्रवाल
प्रदेश के डीजी क्राइम पीके अग्रवाल ने देर शाम को बताया है अब अमेरिका वाले मामले में पूरी जांच आदि का काम एसआईटी के पास चला गया है। पहले बैच में आए अमेरिका से डिपोर्ट युवाओं के बयान क्राइम ब्रांच की टीमों ने लिए थे। इनमें से दो दर्जन युवा संक्रमित पाए गए थे। जिनका उपचार चल रहा है, अब दूसरे बैच में आए 75 सभी युवाओं के सैंपल लेकर टैस्ट किए जा रहे हैं। डीजी क्राइम ने कहा कि इस संबंध में अब सारा मामला एसआईटी के पास ही होगा।
66 युवाओं ने दिए बयान, केस दर्ज-एसआईटी चीफ
एसआईटी चीफ और करनाल की आईजी भारती अरोड़ा ने कहा कि मामले में 66 एफआईआर दर्ज कर ली गई हैं। एक गिरफ्तारी भी हो गई है। इन युवाओं को कुरुक्षेत्र में रखा गया है। बाकी के बयानों के लेने का सिलसिला चल रहा है। इनमें सबसे ज्यादा युवा 23 करनाल के रहने वाले हैं। सभी डेढ़ साल तक अमेरिका की जेलों में रहे और काफी तकलीफ उठाईं हैं। बाकी जिलों में कुरुक्षेत्र, यमुनानगर सिरसा, कैथल, करनाल. यमुनानगर जिलों के युवा हैं। हमने गुरुवार को सभी अफसरों के साथ में बैठक की है, आने वाले दिनों में जिन्होंने ठगी की है, उनके विरुद्ध कार्रवाई होगी।