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सिंघु बॉर्डर पर लखबीर की हत्या का विरोध, युवाओं ने अंबाला-चंडीगढ़ नेशनल हाइवे जाम किया, सड़क पर लेटे

किसान संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और किसान आंदोलन को भी तुरंत खत्म करवाने की मांग की, हत्या करने वाले निहंगों को भी फांसी की सजा देने का किया आग्रह।

सिंघु बॉर्डर पर लखबीर की हत्या का विरोध, युवाओं ने अंबाला-चंडीगढ़ नेशनल हाइवे जाम किया, सड़क पर लेटे
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सिंघु बार्डर पर लखबीर की हत्या के विरोध में नेशनल हाइवे जाम करते युवा।

हरिभूमि न्यूज.अंबाला

सिंघु बॉर्डर पर दलित युवक लखबीर की हत्या का बुधवार को यहां कड़ा विरोध हुआ। युवा शक्ति दल बीएस फॉर के बैनर तले युवाओं ने अंबाला-चंडीगढ़ नेशनल हाइवे को जाम कर दिया। काफी देर तक युवा हाइवे के बीच में डटे रहे। हाइवे पर लगे जाम की वजह से पुलिस तुरंत हरकत में आ गई। इसके बाद युवाओं को हाइवे से हटाने की कार्रवाई हुई। ड्यूटी मजिस्ट्रेट जरनैल सिंह खुद युवाओं से मिलने मौके पर पहुंचे। इससे पहले युवा डीसी विक्रम सिंह के मौके पर आने की मांग कर रहे थे। युवाओं ने केंद्र व राज्य सरकार से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों को तुरंत हटाने की मांग की। उन्होंने किसान आंदोलन में सहयोग कर रहे दलितों से भी तुरंत अपना समर्थन वापिस लेने की बात कही है।

दलित की हत्या और किसान व सरकारें चुप

युवा शक्ति दल बीएस फॉर की अगुवाई कर रहे रवि गौतम ने बताया कि किसान आंदोलन में शहीद होने वाले हर किसान को सरकारों ने मुआवजे के साथ उनके एक-एक परिजन को नौकरी दी है। मगर दलित लखबीर सिंह की नर्मिम हत्या के बावजूद किसान व सरकारें पूरी तरह चुप हैं। उन्होंने राज्य की भाजपा व पंजाब की कांग्रेस सरकार की नीयत पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि दोनों राज्य के मुख्यमंत्रियों ने इस गंभीर मुद्दे पर अपने मुंह पर ताला लगा लिया है। उन्होंने कहा कि किसान जानबूझकर दलितों को निशाना बना रहे हैं। लखबीर सिंह की हत्या इसका सबसे बड़ा सबूत है। उन्होंने कहा कि अभी तक किसान संगठनों की ओर से दलित युवक की हत्या की सीबीआई जांच तक की मांग नहीं हुई है। उन्होंने दलितों से आग्रह किया है कि किसान आंदोलन से अपना समर्थन तुरंत प्रभाव से वापिस लिया जाए। उन्होंने कहा कि उनका दल पहले ही समर्थन वापिसी का ऐलान कर चुका है।

हाइवे के बीच में लेट गए युवक

युवा शक्ति दल के कई युवा हाइवे जाम करने की नीयत से बीच सड़क पर ही लेट गए। इसी वजह से हाइवे पर वाहनों की लंबी लाइनें लग गई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। इन युवाओं के हाथों में लखबीर सिंह की हत्या से जुड़े पोस्टर व बैनर थे। इन बैनरों पर किसानों को दिल्ली की सीमाओं से तुरंत हटाने की मांग की। साथ ही हत्याकांड में शामिल सभी आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि किसान भी लखबीर सिंह की हत्या के लिए बराबर के जिम्मेदार हैं। सरकार इन किसान संगठनों के खिलाफ भी कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि अपने हित साधने के लिए इस देश में दलित को बलि का बकरा बनाया जा रहा है। उन्होंने तमाम दलितों को भी एकजुट होने की अपील की ताकि इसका कड़ा विरोध किया जाए। पंजाब व हरियाणा सरकार से पीड़ित परिवार को 50-50 लाख रुपये के मुआवजे के साथ परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिए जाने की भी मांग की गई है।

ड्यूटी मजिस्ट्रेट के आश्वासन पर माने

प्रदर्शनकारियों की मांग पर नगर निगम के ईओ जरनैल सिंह खुद ड्यूटी मजिस्ट्रेट की हैसियत से मौके पर पहुंचे। उन्होंने युवाओं से बातचीत के बाद उन्हें हर संभव कार्रवाई के लिए आश्वस्त किया। इसके बाद युवाओं ने उन्हें एक ज्ञापन सौंपकर किसान आंदोलन को तुरंत खत्म करने की मांग की। किसानों को जबरन वहां से उठाने का आग्रह करने के साथ उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की भी मांग की। प्रदर्शनकारियों के सहयोग के लिए भाजपा का एक मनोनीत पार्षद व पूर्व जिला परिषद सदस्य भी मौके पर पहुंचा था। मगर बाद में वे वापिस लौट आए।

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