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Paralympics Tokyo 2020 : जन्माष्टमी पर हरियाणा के योगेश कथुनिया ने देश को दी बड़ी खुशी, डिस्कस थ्रो में जीता रजत

योगेश बहादुरगढ़ की राधा कॉलोनी के रहने वाले हैं। वर्ष-1997 में जन्मे योगेश 2006 में पैरालाइज्ड हो गया था। इसके बावजूद योगेश ने हिम्मत नहीं हारी। जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए प्रयास करता रहा। इच्छा शक्ति और ईलाज से स्वास्थ्य में थोड़ा सुधार हुआ। वर्ष 2016 में कॉलेज की पढ़ाई के दौरान योगेश ने डिस्कस थ्रो खेलना शुरू किया।

Paralympics Tokyo 2020 : जन्माष्टमी पर हरियाणा के योगेश कथुनिया ने देश को दी बड़ी खुशी, डिस्कस थ्रो में जीता रजत
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 योगेश कथुनिया ( फोटो ट‍्वीटर से ) 

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बहादुरगढ़ के लाल योगेश कथुनिया ( Yogesh Kathuniya ) ने देश वासियों को बड़ी खुशी दी। डिस्कस थ्रोअर योगेश ने टोक्यो में चल रहे पैरालंपिक गेम्स ( Tokyo Paralympics ) में देश के लिए रजत पदक ( Silver Medal) जीता। उसकी जीत पर परिजनों समेत बहादुरगढ़ के तमाम खेल प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई। ढोल-नगाड़ों से खुशी का इजहार किया गया। सभी ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी। दिनभर योगेश के परिजनों को बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। योगेश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने भी टवीट करके बधाई दी है।


योगेश बहादुरगढ़ की राधा कॉलोनी का निवासी है। वर्ष-1997 में जन्मा योगेश 2006 में पैरालाइज्ड हो गया था। इसके बावजूद योगेश ने हिम्मत नहीं हारी। जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए प्रयास करता रहा। इच्छा शक्ति और ईलाज से स्वास्थ्य में थोड़ा सुधार हुआ। वर्ष 2016 में कॉलेज की पढ़ाई के दौरान योगेश ने डिस्कस थ्रो खेलना शुरू किया। इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। साल दर साल देश-विदेश में हुई प्रतियोगिताओं में पदक जीतता चला गया। जापान में आयोजित पैरालंपिक में योगेश का चयन हुआ। परिजनों समेत देशभर के खेल प्रेमियों को योगेश से पदक की उम्मीदें थी। उन उम्मीदों पर योगेश पूरी तरह से खरा उतरा। सोमवार की सुबह हुई तो जन्माष्टमी के मौके पर देशवासियों को योगेश ने रजत पदक का तोहफा दे दिया।


खुशी मनाते योगेश के परिजन और अन्य।

उसके मुकाबले को देखने के लिए परिजन व खेल प्रेमी टीवी से चिपके हुए थे। जैसे ही पदक जीता, परिजन खुशी से झूम उठे। जीत का जश्न मनाया गया। ढोल-नगाड़ों की थाप पर नाच कर परिजनों और खेल प्रेमियों ने खुशी का इजहार किया। पूर्व विधायक सहित कई राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के लोग कार्यक्रम में पहुंचे। सभी ने योगेश के दादा-पिता व अन्य परिजनों को जीत की बधाई दी। मिठाई खिलाकर सभी का मुंह मीठा कराया गया। परिजनों ने वीडियो कॉल करके अपने लाल योगेश को बधाई दी। दादा हुकुम चंद व पिता ज्ञानचंद ने कहा कि उनके लाल ने पदक जीतकर पूरे देश का नाम रोशन किया है। उन्हें आज गर्व महसूस हो रहा है। देश लौटने पर योगेश का भव्य स्वागत किया जाएगा।

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