सुर्खियों में पलवल भूमि अधिग्रहण मामला, नपेंगे कई अधिकारी और कर्मचारी
सूबे के सीएम मनोहरलाल ने वरिष्ठ आईएएस व अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल को इसमें कड़ी कार्रवाई का आदेश भी जारी कर दिया था।. जिसके बाद से राजस्व विभाग कर्मियों, नायब तहसीलदार व अन्य स्टाफ पर विभागीय कार्रवाई चल रही है। अब एचसीएस अफसरों पर भी शिकंजा कसने का आदेश जारी हो गया है, जिसके बाद से इनमें हड़कंप मचा हुआ है।

सीएम मनोहर लाल।
Haryana : पलवल में स्पेशल रेलवे प्रोजेक्ट वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की पलवल में भूमि अधिग्रहण के दौरान भारी गोलाल और अफसरों कर्मियों की बड़ी संख्या मे संलिप्तता सामने आई थी। सूबे के सीएम मनोहरलाल ने वरिष्ठ आईएएस व अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल को इसमें कड़ी कार्रवाई का आदेश भी जारी कर दिया था।. जिसके बाद से राजस्व विभाग कर्मियों, नायब तहसीलदार व अन्य स्टाफ पर विभागीय कार्रवाई चल रही है। अब एचसीएस अफसरों पर भी शिकंजा कसने का आदेश जारी हो गया है, जिसके बाद से इनमें हड़कंप मचा हुआ है।
खास बात यह है कि रेलवे की ओर से जमीन अधिग्रहण को लेकर, तो पैसा दिया ही जाता है। इसके अलावा प्रति व्यक्ति पांच लाख से ज्यादा राशि दी जाती है। पैसा नहीं लेने की सूरत में रोजगार दिया जाता है। जैसे ही जमीन अधिग्रहण और उससे होने वाले फायदे का पता लगा, वैसे ही राजस्व विभाग के कर्मी सक्रिय हो गए है। बड़ी संख्या में खरीद फरोख्त करने लगे। यहां तक हुआ की मुवावजा औऱ फायदापाने के लिए 78 गज जमीन के 150 लोग मालिक बन गए थे। लेकिन धीरे धीरे इस मामले की भनक मीडिया और कुछ समाजसेवी लोगों को लगी बाद में यह मीडिया की सुर्खियों में फैल गया। कुछ अर्सा पहले भी एसीएस राजस्व (एफसीआर) ने बड़ी संख्या में राजस्व विभाग कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई के साफ संकेत दिए थे।
अब यहां पर बता दें कि भारी अनियमितता और गोलमाल में शामिल 3 एचसीएस अधिकारियों व मामले में संलिप्त अन्य कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश जारी हो गया है। एचसीएस अधिकारियों में कवर सिंह, जितेंद्र कुमार और डॉ नरेश शामिल है, जिन्होंने अपने कार्यकाल की अवधि के दौरान भूमि अधिग्रहण में अनियमितताएं की है। सरकार ने इस परियोजना के भूमि अधिग्रहण के दौरान अनिमितताओं के तहत रीडर, रजिस्ट्रेशन क्लर्क, डाटा एंट्री के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के अलावा पटवारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश भी दिए हैं।
पूरे मामले में काफी पहले ही मुख्यमंत्री ने इस कार्रवाई को करने के लिए अपनी मंजूरी प्रदान कर चुके हैं। यहां पर जानकारी मिली है कि फरीदाबाद के मंडल आयुक्त द्वारा इस मामले की पूरी जांच करने के बाद रिपोर्ट सौंपी गई, जिसमें अनियमितताओं का खुलासा किया गया है।
मामले में कंवर सिंह, एचसीएस, एसडीओ (सिविल), पलवल को ऊपर बताई गई गंभीर अनिमितताओं को ध्यान में रखते हुए, उन्हें सीधे हरियाणा सिविल सेवा (दंड और अपील) नियम हरियाणा सरकार के नियम 7 के तहत बड़े दंड के लिए चार्जशीट करने की सिफारिश की गई हैं। इसी प्रकार, जितेंद्र कुमार-चतुर्थ, एचसीएस और डॉ. नरेश, एचसीएस से ऊपर वर्णित कमियों के बारे में पहले स्पष्टीकरण मांगा गया हैं और उसके बाद उचित अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की सिफारिश की गई हैं।
मामले में प्रदीप देसवाल, अशोक कुमार, एस. रोहताश व प्रेम प्रकाश सब-रजिस्ट्रार/जॉइंट सब-रजिस्ट्रार से स्पष्टीकरण को मांगा गया हैं क्योंकि मामला केवल रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 20ए के तहत अधिसूचना जारी होने के बाद डीड्स के पंजीकरण से संबंधित है, इसके अलावा, बहुत छोटे शेयरों के डीड्स का पंजीकरण से भी है। जहां तक पंजीकरण लिपिकों, डाटा एंट्री आपरेटरों और रीडरों के संबंध में मंडल आयुक्त और डीसी, पलवल को कानून के अनुसार उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिए है।