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हरियाणा की इस जेल में होगी आर्गेनिक खेती, सब्जियां उगाकर खुद ही खाएंगे कैदी

यह अहम फैसला बंदियों की सेहत को ठीक रखने और आर्गेनिक सब्जियां उपलब्ध करवाने के उद‍्देश्य से लिया गया है। अहम पहलू यह है कि इस सीजन में बंदियों द्वारा फुलगोभी, मटर, मूली, गाजर, पालक, बैंगन इत्यादि सब्जियों की खेती आर्गेनिक प्रणाली से करने की शुरुआत की है।

हरियाणा की इस जेल में होगी आर्गेनिक खेती, सब्जियां उगाकर खुद ही खाएंगे कैदी
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कुरुक्षेत्र की जेल में खाली पड़ी भूमि पर उगाई गई सब्जियां।

हरिभूमि न्यूज. कुरुक्षेत्र

कुरुक्षेत्र जेल के कैदी अब जेल के अंदर खुद आर्गेनिक खेती करेंगे, इस खेती से तैयार होने वाली सब्जियों से बंदियों के लिए खाना तैयार किया जाएगा। यह अहम फैसला बंदियों की सेहत को ठीक रखने और आर्गेनिक सब्जियां उपलब्ध करवाने के उद‍्देश्य से जेल अधीक्षक सोमनाथ जगत ने लिया है। इस जेल अधीक्षक के प्रयासों से जिला कारागार कुरुक्षेत्र में जेल की चारदिवारी के साथ खाली पड़ी करीब 2 एकड़ भूमि पर सब्जियां लगाने का काम शुरु कर दिया गया है। अहम पहलू यह है कि इस सीजन में बंदियों द्वारा फुलगोभी, मटर, मूली, गाजर, पालक, बैंगन इत्यादि सब्जियों की खेती आर्गेनिक प्रणाली से करने की शुरुआत की है।

जेल अधीक्षक सोमनाथ जगत ने सोमवार को विशेष बातचीत में बताया कि जिला कारागर में लगभग 2 एकड भूमि की खाली जगह का उपयोग करके बंदियों के द्वारा विभिन्न तरह की सब्जियां फुल गोभी, मटर, मूली, गाजर, पालक, बैगन इत्यादि जैविक व ऑर्गेनिक तरीके से उगाई जा रही है। जिसका उपयोग जेल में बंद बंदियों के खाने के लिए किया जाएगा। पारम्परिक खेती में उगी सब्जियों खेतो में उगाए जाने वाले फल और सब्जियों की उपज को बेहतर बनाने के लिए उनमे कई तरह के पेस्टीसाइडस या रासायनिक खादों का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे उनमे कीडे़ नहीं लगते और पैदावार बढ़ती है। यही नहीं रासायनिक पदार्थ सब्जियों के साथ हमारे पेट में भी जाते है। जिससे हमारी पाचन संबंधी प्रक्रिया में परेशानी बढ़ती है। इसके अलावा और भी कई तरह की खतरनाक बीमारियों का कारण बनते हैं।

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