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सांसद नायब सिंह ने तीर्थ स्थलों के विकास का मुद्दा लोकसभा में उठाया

सांसद नायब सिंह सैनी ने कहा कि पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 में जो 'प्रसाद' योजना शुरू की गई थी, उस योजना के तहत धार्मिक व पर्यटन के लिए प्राथमिकता के आधार पर तीर्थ स्थलों का विकास और सौंदर्यीकरण किया जाना चाहिए।

सांसद नायब सिंह ने तीर्थ स्थलों के विकास का मुद्दा लोकसभा में उठाया
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सांसद नायब सिंह सैनी 

हरियाणा समाचार। सांसद नायब सिंह सैनी ने कहा है कि कुरुक्षेत्र के साथ-साथ हरियाणा पर्यटन के क्षेत्र में देश में अव्वल श्रेणी में शुमार है। इस प्रदेश के पर्यटन स्थलों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के रूप में विकसित किया जाना जरूरी है ताकि प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो सके। इससे जहां प्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, वहीं, हरियाणा का नाम पर्यटन के क्षेेत्र में पूरी दुनिया में जाना जाएगा। इन तमाम विषयों को जहन में रखकर ही सांसद नायब सिंह सैनी ने कुरुक्षेत्र के साथ-साथ अन्य पर्यटन स्थलों को 'प्रसाद' योजना के तहत विकसित करने के मुद्दे को लोकसभा में रखा।

सांसद नायब सिंह सैनी ने लोकसभा में नियम 377 के अधीन सूचना के अनुसार अपना विषय रखते हुए कहा कि धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र पवित्र ग्रंथ गीता की जन्म स्थली है। इस धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र को अंतर्राष्ट्रीय मापदंडों के अनुसार और अधिक विकसित किया जाना जरूरी है। इसलिए देश की सबसे बड़ी पंचायत के समक्ष धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र को पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 में जो 'प्रसाद' योजना शुरू की थी, उस योजना के तहत धार्मिक व पर्यटन के लिए प्राथमिकता के आधार पर तीर्थ स्थलों का विकास और सौंदर्यीकरण किया जाना चाहिए। इस योजना के तहत कुरुक्षेत्र के तीर्थ स्थलों का विकास संभव हो सकेगा और यहां पर पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो सकेगा।

सांसद ने कहा कि हरियाणा राज्य के पंचकूला जिले में माता मनसा देवी को समर्पित एक महाभारत कालीन प्राचीन मंदिर माना जाता है। वहीं, नाडा साहिब गुरुद्वारा शिवालिक तलहटी में घग्गर नदी के तट पंचकूला में स्थित है। यह गुरुद्वारा साहिब गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज से सम्बन्धित सिख समुदाय का पवित्र धार्मिक स्थल है। इस गुरुद्वारा साहिब में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि आदि बद्री हरियाणा के यमुनानगर जिले में स्थित वन क्षेत्र है और यहां विलुप्त हो चुकी सरस्वती नदी का उद्गम स्थल भी है। इस जगह पर प्रदेश सरकार ने डैम बनाने की योजना को अमलीजामा पहनाया है, इसलिए इन सभी स्थानों को 'प्रसाद' योजना के तहत विकसित किया जाए।

भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय ने वर्ष 2014-15 में शुरू की 'प्रसाद' योजना

सांसद नायब सिंह सैनी ने कहा कि भारत सरकार ने पर्यटन मंत्रालय के तहत वर्ष 2014-2015 में पीआरएएसएडी (प्रसाद) योजना शुरू की थी। 'प्रसाद' योजना का पूर्ण रूप तीर्थ यात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान है। यह योजना धार्मिक पर्यटन अनुभव को समृद्ध करने के लिए पूरे भारत में तीर्थ स्थलों को विकसित करने और पहचान करने पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य एक संपूर्ण धार्मिक पर्यटन अनुभव प्रदान करने के लिए तीर्थ स्थलों को प्राथमिकता, नियोजित और संधारणीय तरीके से एकीकृत करना है। घरेलू पर्यटन का विकास बहुत हद तक तीर्थ पर्यटन पर निर्भर करता है। तीर्थ पर्यटन की क्षमता का दोहन करने के लिए सरकार द्वारा अन्य हितधारकों के सहयोग के साथ-साथ चयनित तीर्थ स्थलों के समग्र विकास की आवश्यकता है। 'प्रसाद' योजना का उद्देश्य भारत में धार्मिक पर्यटन के विकास और संवर्धन का मार्ग प्रशस्त करना है।

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