उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच के सदस्य सभी प्रकार की बिजली समस्याओं की सुनवाई करेंगे
उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के उपभोक्ताओं की शिकायतें दर्ज करने और पुरानी शिकायतों की सुनवाई के लिए उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच के सदस्य दिसंबर माह में विभिन्न स्थानों का दौरा करेंगे।

प्रतीकात्मक तस्वीर
उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (Uttar Haryana Bijli Vitran Nigam) उपभोक्ताओं को विश्वसनीय, अच्छी वोल्टेज और निर्बाध बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्घ है। 'पूर्ण उपभोक्ता संतुष्टि' के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बिजली निगम द्वारा अनेक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं ताकि उपभोक्ताओं की समस्याओं को त्वरित रूप में सुलझाया जा सके। उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के उपभोक्ताओं की शिकायतें दर्ज करने और पुरानी शिकायतों की सुनवाई के लिए उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच के सदस्य दिसंबर माह में विभिन्न स्थानों का दौरा करेंगे।
बिजली निगम के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि मंच के सदस्य, 02 दिसंबर को ऑपरेशन सर्कल कुरुक्षेत्र, 05 को ऑपरेशन सर्कल झज्जर, 07 को ऑपरेशन सब-डिविजन कालका, 09 को ऑपरेशन सर्कल अंबाला, 12 को ऑपरेशन सर्कल कैथल, 14 को ऑपरेशन सब अर्बन डिविजन पानीपत, 16 को ऑपरेशन डिविजन पंचकूला, 19 को ऑपरेशन सर्कल रोहतक, 21 को ऑपरेशन सर्कल यमुनानगर, 23 को ऑपरेशन सर्कल सोनीपत, 26 को ऑपरेशन सर्कल पानीपत और 28 दिंसबर को ऑपरेशन सर्कल करनाल में सीजीआरएफ टीम के सदस्य शिकायतों की सुनवाई सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक करेंगे और नई शिकायतें भी दर्ज करेंगे। इससे उपभोक्ताओं को अपने मामले की सुनवाई की सुविधा निकटतम स्थान पर उपलब्ध होगी। इसके अलावा, क्षेत्रीय दौरे को छोड़कर कार्यालय आने वाले उपभोक्ताओं की शिकायतों का निवारण सीजीआरएफ मुख्यालय पर सुबह 9 बजे से शाम 05 बजे तक होगा।
उन्होंने बताया कि मंच के सदस्य उपभोक्ताओं की सभी प्रकार की समस्याओं की सुनवाई करेंगे। इनमें मुख्यत: बिलिंग, वोल्टेज, मीटरिंग से सम्बंधित शिकायतें, कनेक्शन काटने और जोड़ने, बिजली आपूर्ति में बाधाएं, कार्यकुशलता, सुरक्षा और हरियाणा बिजली विनियामक आयोग के आदेशों की अवहेलना आदि शामिल हैं। बहरहाल, मंच द्वारा बिजली अधिनियम की धारा 126 तथा धारा 135 से 139 के अन्तर्गत बिजली चोरी और बिजली के अनधिकृत उपयोग के मामलों में दंड तथा जुर्माना और धारा 161 के अन्तर्गत जांच एवं दुर्घटनाओं से सम्बंधित मामलों की सुनवाई नहीं की जाएगी।